सुगंध दशमी पर अलीगढ़ के जैन मंदिरों में धूप खेई गई

पर्युषण पर्व (दस लक्षण) पर जैन मंदिरों में आस्था का मेला लगा हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 01:04 AM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 01:04 AM (IST)
सुगंध दशमी पर अलीगढ़ के जैन मंदिरों में धूप खेई गई
सुगंध दशमी पर अलीगढ़ के जैन मंदिरों में धूप खेई गई

जासं, अलीगढ़ : पर्युषण पर्व (दस लक्षण) पर जैन मंदिरों में आस्था का मेला लगा हुआ है। गुरुवार को भी सुबह बाग वाले जैन मंदिर, खिरनीगेट स्थित बड़े जैन मंदिर व मलखान सिंह नगर सहित महानगर के अन्य जैन मंदिरों में सुबह श्रीजी का अभिषेक व शांति धारा की गई। दिन में अन्य अनुष्ठानों के साथ शाम को आरती की गई।

सातवें दिन उत्तम तप सुगंध दशमी को श्री पा‌र्श्वनाथ दिगंबर जैन खंडेलवाल पंचायत मंदिर खिरनी गेट में अभिषेक हुआ। प्रथम शांतिधारा प्रेम कुमारी जैन व चंद्र वाला जैन ने की। दूसरी शांतिधारा सुरजीत जैन पाटनी व तीसरी शांतिधारा सनल जैन द्वारा की गई हुई। सुगंध दशमी के उपलक्ष्य में अलीगढ़ के सभी मंदिरों में धूप खेइ गई। शाम को आरती हुई। भजनों का दौर भी चला। इससे मंदिरों के वातावरण में उल्लास छा गया। बड़े जैन मंदिर में जैन महिला संघ प्रथम ने भजन प्रस्तुत किए। प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं। विजेताओं को शीतल कुमार जैन व शशांक जैन छाबड़ा परिवार की ओर से पुरस्कारों का वितरण किया गया।

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तप साधना है : नरेश

भारतीय जैन मिलन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नरेश कुमार जैन ने कहा कि पर्युषण पर्व पर उत्तम तप दिवस के बारे मे बताया कि मानव ने मनुष्य तन पाया है, इसलिए महातप कीजे, यामे सार यही है ! जीवन का उपभोग नहीं, उपयोग करे। तप, साधना ही जीवन का श्रेष्ठतम उपयोग है। जीवन का उपयोग वही कर पाते हैं, जिनकी आत्मा जागृत होती है। तपस्या के बिना मोक्ष की उपलब्धता संभव नहीं है। मोक्ष के लिए मानव जीव को जनता की भलाई के काम करने के चाहिए। अहिंसा का पालन करना चाहिए। किसी को भी नहीं सताना चाहिए। अगर किसी को सताते हैं तो यह बहुत बड़ा पाप है। उन्होंने कहा कि जीवन को दूसरों की सेवा में लगाएं। परोपकार को पुण्य कर्म मानकर करें।

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