सम्राट मिहिरभोज के नाम पर राजपूत व गुर्जर समाज को लड़ाने का हो रहा कामAligarh News
fight Rajput and Gurjar societyज्ञापन एसीएम प्रथम संदीप केला को सौंपा। इसकेे माध्यम से उन्होंने राजपूत समाज के राजा सम्राट मिहिरभोज को गुर्जर समाज द्वारा अपने समाज का राजा बताकर मूर्ति अनावरण कार्यक्रम करने पर रोष व्यक्त किया।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के पदाधिकारियों ने सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन एसीएम प्रथम संदीप केला को सौंपा। इसकेे माध्यम से उन्होंने राजपूत समाज के राजा सम्राट मिहिरभोज को गुर्जर समाज द्वारा अपने समाज का राजा बताकर मूर्ति अनावरण कार्यक्रम करने पर रोष व्यक्त किया।
यह है मामला
जिला अध्यक्ष डा. शैलेन्द्र पाल सिंह ने कहा की इतिहास में तथ्यों को साबित करने के लिए हम पुरातन तथ्यों जैसे ग्रंथों, सिक्कों ,शिलालेखों, कविताओं एवं लोक कथाओं पर विश्वास करते हैं। उन्हीं को आधार मानते हैं। अनेक शिलालेखों द्वारा ज्ञात होता है कि गुर्जर शब्द का अर्थ गुर्जर प्रदेश में राज करने वाले राजाओं से है ना की किसी जाति या समुदाय से। यहां तक के प्रसिद्ध चीनी यात्री ने भी गुर्जर देश के बारे में जिक्र किया है और गुर्जरों के बड़े नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला भी यह मानते हैं कि सम्राट मिहिर भोज राजपूत समाज के राजा हैं। जिला अध्यक्ष वीरांगना ममता राघव ने कहा कि राजपूत समाज एवं गुर्जर समाज को कुछ राजनेताओं द्वारा आपस में लड़ाने का कार्य किया जा रहा है ,जबकि हमें इतिहास को पढ़ना चाहिए। महानगर संगठन मंत्री संदीप चौहान ने कहा कि महापुरुष किसी जाति विशेष के नहीं होते हैं। उन्होंने इस राष्ट्र को सहेजने का कार्य किया। इसलिए हम सभी लोगों को इन्हें जाति से जोड़कर नहीं देखना चाहिए।
शांत नहीं बैठेगा क्षत्रिय समाज
महानगर उपाध्यक्ष गोविंद सिंह ने कहा कि यह कुछ मंद बुद्धि लाेगों द्वारा राजपूत समाज को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ खड़ा करने का प्रयास किया जा रहा है। 2022 में चुनाव होने हैं। लोग नए-नए हथकंडे अपना कर अपना राजनीतिक हित साध रहे हैं। ऐसे में क्षत्रिय महासभा मांग करती है कि क्षत्रियों इतिहास को तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया तो समाज चुप नहीं बैठेगा और सड़क पर उतरने को मजबूर होगा। सीएम योगी का कोई विरोध नहीं हैं, लेकिन हमारा उद्देश्य अपने इतिहास को लोगों तक पहुंचाना एवं युवाओं को इस इतिहास को बताना है। इस मौके पर अखिलेश तोमर, सौरभ तोमर, उदित प्रताप सिंह, बृजेश पाल सिंह, बंटी ठाकुर, राजकुमार सिंह चौहान, रविंद्र सिंह सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।