कोरोना महामारी में सुरक्षा किट के बिना ही नाले में उतारे कर्मचारी Aligarh News
कोरोना महामारी में नगर निगम दूसरों को सुरक्षित रहने की नसीहतें दे रहा है लेकिन अपने ही कर्मचारियों की सुरक्षा का कतई ख्याल नहीं है। कर्मचारियों को सुरक्षा किट के बिना ही नालों में सफाई के लिए उतारा जा रहा है। ये कितना घातक हो सकता है
अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना महामारी में नगर निगम दूसरों को सुरक्षित रहने की नसीहतें दे रहा है, लेकिन अपने ही कर्मचारियों की सुरक्षा का कतई ख्याल नहीं है। कर्मचारियों को सुरक्षा किट के बिना ही नालों में सफाई के लिए उतारा जा रहा है। ये कितना घातक हो सकता है, इसका अंदाजा शायद निगम अधिकारियों को नहीं है। यह स्थिति तब है, जब सफाई और सुरक्षा उपकरणों पर हर साल लाखों का खर्चा दिखाया जाता है। यही नहीं, निगम की इस लापरवाही की शिकायत करने वालों को ट्विटर अकाउंट से ब्लाक किया जा रहा है।
स्वच्छता निरीक्षक कभी कर्मचारियों का हाल जानने नहीं आते
शहर की सफाई व्यवस्था में जुटे कर्मचारियों के लिए ग्लब्स, एप्रेन, मास्क, बूट आदि सुरक्षा उपकरणों की मांग लंबे समय से होती रही है। समय-समय पर निगम अधिकारी इन्हें खरीदने और कर्मचारियों को देने का दावा करते रहे हैं। लेकिन, सफाई कार्य के दौरान ज्यादातर कर्मचारियों पर मास्क तक नहीं होते। हैरत की बात है कि स्वच्छता निरीक्षक इन्हें टोकते तक नहीं। पूछने पर कर्मचारियों द्वारा बताया जाता है कि निगम से ही कुछ उपलब्ध नहीं है। सासनीगेट क्षेत्र के पला साहिबाबाद में कर्मचारियों ने बताया कि स्वच्छता निरीक्षक कभी कर्मचारियों का हाल जानने नहीं आते, न ही जोनल अधिकारी ही पूछते हैं। सुरक्षा उपकरणों की बात करें तो उपलब्ध न होने का बहाना बनाते हैं। शुक्रवार को शहर में कई स्थानों पर नालों की सफाई हुई। ज्यादातर कर्मचारी बिना सुरक्षा उपकरण के काम करते नजर आए।
ट्विटर अकाउंट से आप नेता ब्लाक
आम आदमी पार्टी के प्रदेश सचिव संजीव शर्मा ने बताया, सफाई कर्मचारियों को सुरक्षा किट मिले, ये उनका संवैधानिक अधिकार है। जब मैंने नगर निगम और नगर आयुक्त के टि्वटर अकाउंट पर सफाई कर्मचारियों को सुरक्षा किट मुहैया कराने के लिए मुहिम छेड़ी तो किसी ने जवाब देना उचित नहीं समझा और नगर निगम के टि्वटर हैंडल से मुझे ब्लाक कर दिया। पूर्व में धरना-प्रदर्शन भी किया था, तब सुरक्षा किट खरीदी गईं। लेकिन किसी को दी नहीं गईं। सुरक्षा किट का सफाई कर्मचारी के पास न होना उनके नैतिक अधिकारों का उल्लंघन है। इस संबंध में मानवाधिकार व राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग में शिकायत की जाएगी।