फिल्‍मी स्‍टाइल में कार से कुछ युवक उतरे और दुकान में बैठे दो युवकों को उठा ले गए, आगे क्‍या हुआ जानिए Aligarh news

लोधा थाना क्षेत्र के बड़ा गांव अकबर पुर से दो दिन पूर्व शुक्रवार दोपहर करीब 11 बजे मोबाइल कम्युनिकेशन की दुकान पर एक कार रुकी उसमें से कुछ लोग नीचे उतरे और फटाफट दुकान पर बैठे राहुल एवं पुष्पेंद्र को पकड़कर कार में डाल लिया।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 05:44 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 05:45 PM (IST)
फिल्‍मी स्‍टाइल में कार से कुछ युवक उतरे और दुकान में बैठे दो युवकों को उठा ले गए, आगे क्‍या हुआ जानिए  Aligarh news
लोधा थाना क्षेत्र के बड़ा गांव अकबर पुर दो युवकों को कार सवार लोग उठा ले गए।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। लोधा थाना क्षेत्र के बड़ा गांव अकबर पुर से दो दिन पूर्व शुक्रवार दोपहर करीब 11 बजे मोबाइल कम्युनिकेशन की दुकान पर एक कार रुकी, उसमें से कुछ लोग नीचे उतरे और फटाफट दुकान पर बैठे राहुल एवं पुष्पेंद्र को पकड़कर कार में डाल लिया। राहुल के भाई अंकुर के मुताबिक कार सवार थाना क्वार्सी पर पहुंचने को कहकर दोनों युवकों को साथ ले गये, तभी राहुल ने कंट्रॉल रुम को सूचना दी एवं परिवारी जन थाना क्वार्सी पहुंचे वहां नहीं मिलने पर थाना लोधा के चक्कर लगा रहे हैं।

दुकान में बैठे युवकों फिल्‍मी स्‍टाइल में ले गए

लोधा के गांव बड़ागांव अकबरपुर निवासी राहुल पुत्र कमलसिंह एवं गोंड़ा के गांव श्याम नगला निवासी पुष्पेंद्र पुत्र महीपाल बड़ा गांव में मोबाइल की दुकान करते हैं । शुक्रवार की दोपहर अचानक दुकान पर एक कार रुकी, उसमें से कुछ लोग उतरे और दोनों को कार में डाल ले गये और परिजनों को क्वार्सी थाने पहुंचने को बोल गये। राहुल के भाई अंकुर ने कंट्रॉलरुम को सूचित किया। सूचना पर पहुंचे पीआरवी कर्मियों ने घटना की जानकारी कर परिजनों को थाना लोधा पहुंचने की सलाह दी, तभी से परिवारीजन जगह-जगह पुलिस के पास युवकों की जानकारी कर रहे हैं, मगर युवकों का कहीं पता नहीं चलने पर राहुल के भाई अंकुर ने थाना लोधा में रविवार को स्विफ्ट कार up-14_CM 7941 के खिलाफ तहरीर दी है।

युवकों को इस तरह उठा ले जाना सवालों के घेरे में

अपहरण मामले में एक संशय की बात है कि यदि युवकों को एसओजी ने उठाया था तो उठाने से पूर्व थाना पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी, यदि अचानक युवकों को उठाकर ले गये तब भी ले जाते समय पुलिस को सूचित क्यों नहीं किया।

पुलिस का नहीं रहता पता

कभी कोई घटना क्षेत्र में हो जाये तो पीड़ित कहां भटके। पुलिस का कोई निश्चित स्थान नहीं है जबकि गोंडा रोड पर एक चौकी बनायी गयी थी जो खाना पूर्ति तक सीमित है। 

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