अलीगढ़ में बच्‍चों को मोबाइल से दूर करने के लिए निकाला नायाब तरीका, जानिए विस्‍तार से

शहर में विकसित नई कालोनियों में नया ट्रेंड चल रहा है कालोनी के लोग मिलकर योग की पाठशाला लगा रहे हैं। इसमें बच्चे और महिलाएं भी आती हैं। मूल उद्देश्श् स्वरूथ् तो रहना है ही साथ ही बच्चों को कुछ देर के लिए मोबाइल आदि से दूर रखना भी है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 04:12 PM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 04:12 PM (IST)
अलीगढ़ में  बच्‍चों को मोबाइल से दूर करने के लिए निकाला नायाब तरीका, जानिए विस्‍तार से
शहर में विकसित नई कालोनियों में नया ट्रेंड चल रहा है।

अलीगढ़. जेएनएन। शहर में विकसित नई कालोनियों में नया ट्रेंड चल रहा है, कालोनी के लोग मिलकर योग की पाठशाला लगा रहे हैं। इसमें बच्चे और महिलाएं भी आती हैं। मूल उद्देश्श् स्वरूथ् तो रहना है ही साथ ही बच्चों को कुछ देर के लिए मोबाइल आदि से दूर रखना भी है। पार्क में जाने से बच्चे खेलने कूदने लगते हें। इससे बच्चे मोबाइल से दूर रहते हैं।

सांगवाान सिटी में खास कक्षाएं 

शहर की आबादी ज्यों-ज्यों बढ़ती गई, शहर का फैलाव होता चला गया। शहर के बाहर तक वीआईपी कालोनियां विकसित होती गईं। सारी सुविधाओं से सुसज्जित इन कालोनियों में रहने के लिए भी लोग तैयार हो जाते हैं। अब इन कालोनियों में लोग सेहत को लेकर काफी सतर्क रहने लगे हैं। कोरोना ने लोगों को भयभीत कर रखा है। ऐसे में लोग योग-व्यायाम की ओर लौट रहे हैं। शहर के बाहर की अपार्टमेंट, कालोनी आदि में लोग सामूहिक रुप से योग-व्यायाम कर रहे हैं। सांगवान सिटी में भी प्रतिदिन योग की कक्षाएं लगती हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अतरौली जिले के जिला कार्यवाल जगदीश पाठक बताते हैं कि यहां पर प्रतिदिन योग-व्यायाम करते हैं। लोगों के अंदर उत्साह देखते ही बनता है। वह सेहत के प्रति काफी सतर्क हैं। अच्छी बात है कि बच्चों की भी इसमें सहभागिता होती है। एक घंटे योग-प्राणायाम, ध्यान आदि की क्रियाएं होती हैं। इस एक घंटे में ही सब रिचार्ज हो जाते हैं। जगदीश पाठक बताते हैं कि विश्व योग दिवस को भी यहां के लोगों ने सहभागिता की।

प्रतिदिन योग करना जरूरी

अपार्टमेंट से प्रत्येक व्यक्ति बाहर आया और उन्होंने योग किया। जिस प्रकार से बीमारियां पनप रही हैं, मनुष्य का जीवन खतरे में पड़ता जा रहा है, ऐसे में योग-व्यायाम बहुत बड़ा माध्यम है। सबसे अच्छी बात है कि इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। सुबह-शाम आप किसी भी समय कर सकते हैं। जगदीश पाठक ने कहा कि आज भारत के योग ने दुनिया में डंका बजा दिया है। कोई ऐसा देश नहीं जहां पर योग-व्यायाम न होता हो, भारत से शिक्षकों की डिमांड बढ़ी है, इससे योग के महत्व को जाना जा सकता है। उन्होंने कहा कि शहर की जितनी भी कालोनियां हैं, उसमें प्रतिदिन लोगों को नियमित एक घंटे योग-व्यायाम करना चाहिए।

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