अलीगढ़ में रात में होती है वाहनों से डग्गेमारी, विरोध करने पर यात्रियों से मारपीट
परिवहन विभाग परिवहन निगम व पुलिस की मिलीभगत से दौड़ रहे वाहन।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : परिवहन निगम एवं परिवहन विभाग की लापरवाही से शाम ढलते ही शहर के गांधीपार्क, मसूदाबाद व सारसौल बस स्टैंड के आसपास डग्गेमार वाहनों का जमावड़ा लग जाता है, जो रातभर रहता है। वाहन संचालकों का दबदबा इस कदर हावी है कि अगर यात्री इन वाहनों में बैठने से इन्कार कर दे तो ये मारपीट करने पर आमादा हो जाते हैं। इनसे रोडवेज को भी रोजाना हजारों रुपये के राजस्व का चूना लग रहा है।
दिल्ली-नोएडा, पलवल रूट
पर चलते हैं अधिकांश वाहन
शहर के तीनों बस स्टैंड से दिनभर में करीब 30 हजार से अधिक यात्री रोडवेज बसों में सफर के लिए पहुंचते हैं। यहां डग्गेमार वाहनों को संचालित करने वालों का पूरा गैंग सक्रिय रहता है। बस स्टैंड के बाहर वाहन संचालक अपने कुछ लोगों को खड़ा कर देते हैं। जो भी व्यक्ति बैग लेकर बस स्टैंड की ओर जाता दिखाई देता है तो वे उसे रोककर जबरन अपने वाहन में चलने का दबाव बनाते हैं। बस स्टैंड के आस-पास शाम के बाद से लेकर रातभर यहां ओमनी, इंडिका, शिफ्ट डिजायर, वैगनआर आदि चार पहिया वाहनों की लंबी कतारें लगी रहती हैं। इनके संचालक घूम-घूम कर आवाज लगाकर दिल्ली, नोएडा, पलवल आदि स्थानों पर चलने की बात बताकर यात्रियों को बिठा लेते हैं। कुछ यात्री डरकर उनके साथ चल देते हैं तो कुछ मना कर देते हैं। जो मना कर देते हैं, उनसे डग्गेमार वाहन संचालक मारपीट तक कर देते हैं। ऐसा नजारा यहां रोज देखा जा सकता है। डग्गेमार वाहन संचालकों की मनमानी का जहां यात्रियों को शिकार बनना पड़ रहा है। रोडवेज को भी रोजाना लाखों रुपये के राजस्व का चूना लग रहा है। इतना सब होने पर भी न तो परिवहन निगम से जुड़े अफसर कोई कार्रवाई करते हैं और न ही आरटीओ के जिम्मेदार अधिकारी ही ऐसे वाहनों की धरपकड़ करते हैं। जिससे इनकी मिलीभगत होने की संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है।
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डग्गेमार वाहनों पर अंकुश लगाने को आरटीओ व पुलिस-प्रशासन को कई बार पत्र भेजे गए हैं, लेकिन इन पर ठीक से कार्रवाई न होने पर रोडवेज के राजस्व को काफी नुकसान होता हैं। डग्गेमार वाहन संचालक यात्रियों के साथ मारपीट करने पर भी आमादा हो जाते हैं।
मोहम्मद परवेज, आरएम रोडवेज