अलीगढ़ में प्राचार्य ने खुद के नाम की शिलापट्टिका लगवा दी, शासन ने मांगा स्पष्टीकरण
राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कालेज व अस्पताल छेरत का मामला तीन दिन में संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो होगी कार्रवाई।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : छेरत स्थित राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में स्वयं के नाम की शिलापट्टिका लगाए जाने पर कालेज के प्राचार्य डा. योगेंद्र सिंह माहुर से स्पष्टीकरण मांगा गया है। तीन दिन का समय दिया गया है। प्राचार्य ने शासन को जवाब नहीं दिया तो कार्रवाई की जाएगी। बरौली विधायक दलवीर सिंह ने इस मामले की शिकायत सीएम योगी व आयुष मंत्री से की थी।
छेरत स्थित राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में डा. योगेंद्र सिंह माहुर प्राचार्य के पद पर हैं। आरोप है कि उन्होंने प्रशासनिक भवन का सात मार्च 2018, ओपीडी का पांच जुलाई, डा. टायलर महिला छात्रावास व कैंट पुरुष छात्रावास का जुलाई, 2019 में शुभारंभ किया। इसमें शिलापट्टिका स्वयं के नाम की लगवा दी। डा. हैनीमैन अतिथि गृह का 10 अप्रैल 2020 को स्वयं शुभारंभ कर दिया। यहां भी शुभारंभ करने वाले में अपने नाम की शिलापट्टिका लगवा दी। बरौली विधायक दलवीर सिंह ने इसकी शिकायत सीएम योगी और आयुष मंत्री से कर दी। विधायक की शिकायत के बाद शासन ने इस मामले को संज्ञान में ले लिया। आयुष मंत्रालय के निदेशक मनोज यादव ने डा. योगेंद्र सिंह से स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने कहा है कि भवनों के निर्माण के बाद निदेशालय को अवगत क्यों नहीं कराया गया? इनका शुभारंभ आयुष मंत्री, जनप्रतिनिधियों के माध्यम से क्यों नहीं कराया गया? उनकी शिलापट्टिका यथास्थान लगवानी चाहिए थी, मगर ऐसा कुछ भी नहीं किया। इससे स्पष्ट है कि आपने कर्मचारी आचरण का उल्लंघन करते हुए मनमानी ढंग से कार्य करने की प्रवृत्ति का परिचय दिया है। इसलिए अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए शासन को लिखा जाएगा।
दें स्पष्टीकरण : शासन ने डा.माहुर से कहा है कि तीन दिन में स्पष्टीकरण नहीं प्राप्त होता है तो मान लिया जाएगा कि इस संबंध में आपको कुछ नहीं कहना है। इसके बाद आपके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
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कई वर्षों से कालेज अधूरा पड़ा था, मगर मुख्यमंत्री योगी ने विशेष रुचि दिखाकर इस कालेज का निर्माण कार्य पूर्ण कराया। इसके बावजूद भी प्राचार्य ने स्वयं इसका उद्घाटन करा दिया। छात्रावास से लेकर ओपीडी पर अपने नाम की शिलापट्टिका लगवा दी। डा. हैनिमैन की प्रतिमा के नीचे प्राचार्य ने अपना नाम लिखवा दिया। यह बर्दाश्त योग्य नहीं है। सीएम को पत्र लिखकर सख्त कार्रवाई की मांग की गई है।
दलवीर सिंह, बरौली विधायक