अलीगढ़ में पंचायत चुनाव में रिश्तों की दुहाई दे रहे प्रत्याशी
ग्राम प्रधान के चुनाव में जुट रहे सगे संबंधी घर-घर प्रचार एक वोट पर नजर शहरों में रह रहे मतदाताओं को बुला रहे।
जासं, अलीगढ़ : पंचायत चुनाव अब रफ्तार पकड़ने लगा है। चुनाव चिह्न आवंटन के बाद प्रत्याशी व उनके समर्थक एक-एक वोट की कीमत समझ रहे हैं। सबसे ज्यादा रोचक मुकाबले ग्राम प्रधान के लिए हैं। प्रत्याशी व उनके समर्थक मतदाताओं के बीच जाकर रिश्तों की दुहाई दे रहे हैं। सजातीय मतदाताओं से पुराने व नए रिश्ते खंगाले जा रहे हैं। जरूरत पड़ने पर ऐसे मतदाताओं पर दबाव बनाने के लिए मतदाताओं के ही सगे संबंधियों को बुलाया जा रहा है। जो मतदाता गैर जनपद व शहरों में हैं, उनसे संपर्क करने के लिए ग्राम प्रधान प्रत्याशियों ने अपनी दूसरी टीम लगा दी है। मतदाता सूची के आधार पर उनके पते व ठिकाने खोज कर उन शहरों में संपर्क किया जा रहा है। उनके पास जाकर उनसे नजदीकी रिश्ते बताए जा रहे हैं।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य व जिला पंचायत सदस्य गत बुधवार को चुनाव चिह्न आवंटन के बाद चुनाव प्रचार रफ्तार पकड़ने लगा है। जिले में तीसरे चरण का मतदान 29 अप्रैल को होगा। 24 घंटे पहले चुनाव प्रचार थम जाएगा। प्रत्याशी व उनके समर्थकों को अब चुनाव प्रचार के लिए मात्र पांच दिन ही मिलेंगे। सबसे ज्यादा रोचक मुकाबले ग्राम प्रधान के चुनाव में हो रहे हैं। यहां रिश्तों की दुहाई देकर वोट मांगे जा रहे हैं। प्रत्याशी के पिता, चाचा, चाची, ननिहाल, ससुराल व एक गौत्र व खानदान होने तक के तर्क दिए जा रहे हैं। बेटी की सुसराल से लेकर प्रत्याशियों के साले व अन्य रिश्तेदार व सगे संबंधी डेरा डाले हुए हैं। महिलाएं घर की कमान संभालती हैं, तो प्रत्याशियों के सगे संबंधी चुनाव प्रबंधन संभाले हुए हैं।
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प्रचार सामग्री का चल पड़ा बाजार
जासं, अलीगढ़ : पंचायत चुनाव के लिए बाजार में रेडीमेड प्रचार सामग्री भी आई हुई है। चुनाव चिह्न आवंटन के बाद प्रिटिग प्रेस वालों ने दिन-रात मशीनों को चलाकर रेडीमेड प्रचार सामग्री तैयार की है। दिल्ली लाकडाउन होने के चलते फोर कलर पोस्टरों के पैसे बढ़ गए हैं। चार से पांच हजार रुपये के एक हजार पोस्टर छप रहे हैं। चुनाव चिह्न वाले रेडीमेड पोस्टर , बैज, वैनर भी बाजार में हैं। कारोबारी मनोज अग्रवाल का कहना है कि इस बार प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार का सबसे कम समय दिया गया है। इससे कारोबार को ही नुकसान हो रहा है। पांच दिन में कितने आर्डर पूरे किए जा सकते हैं। दिल्ली लाकडाउन होने के चलते पेपर की भी परेशानी हो रही है। पेपर पर पहले ही 20 से 25 फीसद दाम बढ़े हुए हैं।