अलीगढ़ में दशकों पुराने विवाद हो रहे खत्म, गांवों में लौट रही खुशहाली
कोल तहसील में भूमि विवाद निपटाने को चल रही मुहिम।
जागरण संवादददाता, अलीगढ़ : कहावत है कि पीढि़यां बदल जाती हैं, लेकिन जमीन के विवाद खत्म नहीं होते। दोनों पक्ष कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगा-लगाकर जमीन की कीमत से ज्यादा की धनराशि किराये-भाड़े पर खर्च कर देते हैं, विवाद फिर भी नहीं निपटता। कोल तहसील में राजस्व विभाग की टीम ऐसे ही मुकदमों को गांव-गांव जाकर आपसी समझौते से खत्म करा रही हैं। इससे रंजिश तो खत्म हो ही रही हैं, गांवों में खुशहाली भी लौट आई। दो सप्ताह में 30 से अधिक 15-20 साल पुराने विवाद निपट चुके हैं।
यह पहल शुरू की है एसडीएम कोल का प्रभार संभाल रहीं ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अनीता यादव ने। उन्होंने क्विक रेस्पॉंस टीम (क्यूआरटी) का गठन किया है। इसमें लेखपाल, कानूनगो व नायब तहसीलदार शामिल हैं। टीम गांवों में जाकर विवादित मामलों को चिह्नित करती हैं। जमीन की पैमाइश करती हैं। पैमाइश में जो स्थिति सामने आती है, उसे दोनों पक्षों के सामने पेश करते हैं। इसके बाद आपसी सहमति से विवाद खत्म कराने को तैयार करते हैं। 10 साल से अधिक पुराने मुकदमों को प्राथमिकता से निपटाया जा रहा है।
30 विवाद खत्म : करीब एक महीने से अभियान चल रहा है, लेकिन पिछले सप्ताह से इसने रफ्तार पकड़ी है। इसमें एक दर्जन से अधिक गांवों में 30 से ज्यादा मामले निपट चुके हैं। मामलों के निपटने से गांव में रंजिश तो खत्म होती है। चकरोड, नाली निकलने से गांव वालों के लिए सुविधा भी बढ़ती है। इन गांवों में खत्म हुए विवाद
लोधा, रोरावर, हरनोटी सेमला, मंजूरगढ़ी, वीरपुर बीलगढ़ी, दाऊदपुर, गोविदपुर फगोई, शेखूपुर, पनेठी, नगला बबूल, कलाई, गोभरा दीपपुर, खानगढ़ी, कोछोड़, खेड़ा नारायण, निधौला, जुलुपुर सिहोर चंदोखा शामिल हैं। एसडीएम ने बताया कि टीम के संयुक्त प्रयास से अभियान चल रहा है। आगे भी अभियान जारी रहेगा।