Waterlogging in Aligarh : अलीगढ़ में जरा से बारिश में शहर हो जाता है पानी पानी, नालों की सफाई पर लाखों का खर्च

शहर काेे जलभराव से मुक्‍त कराने के लिए हर साल नगर निगम द्वारा नालों की सफाई में लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं लेकिन हकीकत यह है कि जरा सी बरसात में शहर भर में जलभराव हो जाता है। रामघाट रोड तो पानी पानी हो जाता है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 04:49 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 04:49 PM (IST)
Waterlogging in Aligarh : अलीगढ़ में जरा से बारिश में शहर हो जाता है पानी पानी, नालों की सफाई पर लाखों का खर्च
जरा सी बरसात में शहर भर में जलभराव हो जाता है।

अलीगढ़,जेएनएन। शहर काेे जलभराव से मुक्‍त कराने के लिए हर साल नगर निगम द्वारा नालों की सफाई में लाखों रुपये खर्च  किए जाते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि जरा सी बरसात में शहर भर में जलभराव हो जाता है। रामघाट रोड तो पानी पानी हो जाता है।  

यह हैं हालात

कुछ दिनों शांत रहे बादल मंगलवार देरशाम फिर फट पड़े। रातभर पानी बरसा, बुधवार को भी बारिश का सिलसिला बरकरार रहा। भारी बारिश से मौसम तो ठंडा हुआ, लेकिन शहर जलमग्न हो गया। गुरुवार को बरसात न होने पर लोगों को कुछ राहत जरूर मिली। रामघाट रोड, गुरुद्वारा रोड, मैरिस रोड, गूलर रोड के अलावा अन्य मार्ग भी तालाब सरीखे नजर आ रहे थे। दोपहिया वाहन बंद पड़ गए, जाम की समस्या भी रही। हालांकि, दोपहर तक मुख्य मार्गों से पानी उतर गया था। लेकिन, निचले इलाकों में मुश्किलें बढ़ गईं। शाहजमाल, विक्रांत कालोनी, शिवशक्ति नगर, गोविंद नगर आदि रिहायशी इलाकों में घरों में पानी भर गया। घरों से पानी निकालने में लोग रातभर लगे रहे। नवागत नगर आयुक्त गौरांग राठी के लिए जलभराव की समस्या बड़ी चुनौती होगी। पिछले दिनों लगातार हुई बारिश से प्रभावित इलाके मौसम साफ होने पर राहत में आ गए थे। लेकिन, उमस भरी गर्मी ने परेशान किए रखा। मंगलवार देरशाम बारिश के साथ चली तेज हवा ने पहाड़ी इलाके जैसा मौसम कर दिया। बुधवार को पूरे दिन ऐसा ही मौसम बना रहा। तेज हवा के साथ चेहरे से टकराती बूंदे सुकून दे रही थीं। अधिकतम तापमान 30 और न्यूनतम 26 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। घरों में एसी, कूलर बंद हो गए। इस बारिश ने सुकून तो दिया, लेकिन निचले इलाकों के लिए यह मुसीबत बन गई। शाहजमाल ईदगाह और आसपास के इलाकों में डेढ़ से दो फुट पानी भर गया। कब्रिस्तान में जलभराव से कब्रें धंस गईं। यहां एडीए के क्वार्टरों में पानी घुस गया। यही हाल सासनीगेट क्षेत्र की विक्रांत कालोनी का था। जमालपुर, जीवनगढ़, अशोक नगर, चौधरी विहार, आवास विकास, विद्या नगर आदि क्षेत्रों में जलभराव रहा। नालों की निकासी अवरुद्ध होने से समस्या पैदा हुई। नगर निगम की टीमें पंपिंग स्टेशनों को चालू कर जल निकासी में जुटी रहीं।

फसल डूबीं

धान के लिए बारिश वरदान होती है। लेकिन, भारी बारिश नुकसान भी पहुंचाती है। रातभर हुई बारिश से अकराबाद क्षेत्र में धान की फसल डूब गई। इगलास में भी खेतों में पानी भर गया है। लेकिन कोई खास नुकसान नहीं हुआ। कृषि अधिकारी बताते हैं कि रुक रुककर होनी वाली बारिश फसलों के लिए अमृत समान होती है। एक साथ हुई भारी बारिश में फसल नष्ट होने की संभावना रहती है।

समस्या से कैसे निपटेंगे नए नगर आयुक्त

नवागत नगर आयुक्त गौरांग राठी संभवत: गुरुवार को कार्यभार संभाल लेंगे। उनके सामने जलभराव की समस्या बड़ी चुनौती होगी। अब तक किसी नगर आयुक्त ने इस समस्या का स्थाई हल नहीं निकाला। नगर आयुक्त प्रेम रंजन सिंह ने समस्या के निदान के लिए स्टार्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम की योजना को अमलीजामा पहनाने की प्रक्रिया शुरू ही की थी, तभी उनका तबादला हो गया। रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम उन्हीं की योजना थी। लोगों का कहना है कि वह कुछ समय और बने रहते तो कई समस्याओं का समाधान हो जाता।

मेयर आवास पर धरने की चेतावनी

सपा महिला मोर्चा की महानगर अध्यक्ष रुबीना खानम ने कहा कि जलभराव की समस्या का निदान नहीं हुआ तो मेयर आवास पर धरना दिया जाएगा। जमालपुर, भमोला, जीवनगढ़, जोहराबाग, दोधपुर, सराय रहमान समेत कई इलाकों में जलभराव से मुश्किल हालात खड़े हो गए हैं। अधिकारी फोन नहीं उठाते। मेयर को जनता की समस्या का निस्तारण करना ही होगा।

ढह न जाएं जर्जर भवन

शहर में जर्जर भवन बारिश में कभी ढह सकते हैं। ऐसे 96 भवनों की सूची नगर निगम के पास है। सभी भवन स्वामियों को नोटिस दिए जा चुके हैं, लेकिन कोई जबाव नहीं आया। निगम अधिकारियों ने भी कार्रवाई आगे नहीं बढ़ाई। जबकि, ऐसे भवनों को गिरा देना चाहिए। जिससे जान माल का नुकसान न हो। लेकिन, प्रशासन इस ओर से आंखें मूंदे बैठा है।

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