अलीगढ़ में 22 हजार दंपतियों ने की छोटे परिवार-सुखी परिवार की पहल
पांच महीने में 1200 महिलाओं व 22 पुरुषों ने कराई नसबंदी।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : 'छोटा परिवार-खुशी परिवार' यह सबक अब दंपतियों को रास आने लगा है। इस साल 22 हजार 155 दंपतियों ने इसके लिए पहल की है। मात्र पांच माह के भीतर 1200 महिलाओं व 22 पुरुषों ने नसबंदी कराई। 9565 आइसीयूडी, 6574 पीपीआइयूसीडी व 4821 महिलाओं ने अंतरा गर्भ निरोधक इंजेक्शन लगाए। हालांकि, पुरुषों को नसबंदी के लिए समझाने की कवायदें कारगर नहीं हो पाईं, उन्होंने फिर महिलाओं को आगे कर दिया।
सीएमओ डा. आनंद उपाध्याय ने बताया कि जिले में 18 शहरी अर्बन पीएचसी, 16 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 34 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व 97 हेल्थ वेलनेस सेंटर हैं । इन केंद्रों पर परिवार नियोजन के साधन निश्शुल्क उपलब्ध हैं। सभी साधन सुरक्षित हैं। परिवार नियोजन के स्थायी साधन यानी नसबंदी को पुरुष और महिलाएं दोनों अपना सकते हैं। उन पुरुषों को नसबंदी करवानी चाहिए जो शादीशुदा हों और जिनकी उम्र 60 वर्ष से कम हो। उनके पास कम से कम एक बच्चा होना चाहिए। बच्चे की उम्र एक वर्ष से अधिक हो। पुरुष नसबंदी तभी करवानी चाहिए जब पत्नी ने नसबंदी न करवाई हो। पुरुष नसबंदी कभी भी करवाई जा सकती है।
महिला नसबंदी प्रसव के सात दिन के भीतर, माहवारी शुरू होने के सात दिन के भीतर और गर्भपात होने के तुरंत बाद या सात दिन के अंदर करवाई जा सकती है। उम्र 22 से 49 वर्ष तक की महिला नसबंदी करा सकती हैं। नसबंदी को लेकर पुरुष जागरूक नहीं हैं। दरअसल, यह समाज का ताना-बाना ही है। परिवार नियोजन के मामले में पुरुषों ने महिलाओं को आगे कर देते हैं। उन्हें और जागरूक किए जाने की जरूरत है, तभी हम परिवार नियोजन के मकसद में हो पाएंगे। हालांकि सरकार व स्वास्थ्य विभाग लगातार इसके लिए अभियान चलाता रहता हैं, मगर लोग जागरूक होना ही नहीं चाहते हैं। यही वजह है कि देश में आबादी लगातार बढ़ती जा रही है।