Seminar : शोध प्रबंधन में प्रश्नावली की होती है महत्वपूर्ण भूमिका Aligarh news
डॉ. अनुराग शाक्य ने कहा कि प्रश्नावली एक शोध उपकरण है। जिसमें प्रश्नों या अन्य प्रकार के संकेतों का एक समूह होता है। जिसका उद्देश्य प्रतिवादी से जानकारी एकत्र करना होता है। एक शोध प्रश्नावली आम तौर पर क्लोज-एंडेड प्रश्नों और ओपन-एंडेड प्रश्नों का मिश्रण है।
अलीगढ़, जेएनएन । मंगलायतन विश्वविद्यालय द्वारा सेमिनार श्रृंखला का आयोजन किया जा रहा है। जिसके तहत इस सप्ताह भी विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान प्रस्तुत किए गए।
प्रश्नावली एक शोध उपकरण है
सप्ताह के प्रथम दिवस व्याख्यान के वक्ता डॉ. अनुराग शाक्य ने कहा कि प्रश्नावली एक शोध उपकरण है। जिसमें प्रश्नों या अन्य प्रकार के संकेतों का एक समूह होता है। जिसका उद्देश्य प्रतिवादी से जानकारी एकत्र करना होता है। एक शोध प्रश्नावली आम तौर पर क्लोज-एंडेड प्रश्नों और ओपन-एंडेड प्रश्नों का मिश्रण है। नवाचार की दृष्टि से देखा जाए तो शोध प्रबंधन में प्रश्नावली की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसलिए शोधार्थी सदैव प्रश्नावली पर अधिक ध्यान दें।
नारी के उत्थान में कारगर रहा है साहित्य
द्वितीय दिवस पर डॉ सुलभ चतुर्वेदी ने बताया कि नारीवाद राजनैतिक आन्दोलनों, विचारधाराओं और सामाजिक आंदोलनों की एक श्रेणी है। साहित्य नारी के उत्थान में कारगर रहा है। भारत ही नहीं विश्व के साहित्य लेखन में इसके साक्ष्य मिलते हैं। "कोविड-19 महामारी का प्रभाव" विषय पर डॉ. योगेश कुमार गुप्ता ने अपने विचार रखे। उन्होंने बताया कि कोविड -19 महामारी ने हमारे जीवन में कई बदलाव किए हैं। जैसे हाथ धोना, मास्क लगाना के अलावा परम्परागत तरीकों में बदलाव। यह बदलाव वर्तमान तक ही सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ियां भी इनको अपनाएंगी। डॉ. गुप्ता ने कहा कि कोविड -19 ने हम सभी को एक नए तरीके से जीवन जीना सिखाया है। आज हम लोग ज्यादा से ज्यादा डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। डॉ. पूनम भारतीय ने कहा कि प्रारंभिक मनुष्य प्रकृति के निकट रहता था और उसका सारा ध्यान प्रकृति और उसके घटकों से संबंधित था। प्रकृति की शक्ति और उसके जहरीले जीव को लेकर उनका डर आम था। उन्होंने कहा कि कई अलग-अलग देशों में सर्प पूजा लोकप्रिय थी। इस दौरान प्रो. गुरूदास उल्लास, प्रो असगर अली अंसारी, डॉ. दीपशिखा सक्सेना, डॉ. जीवन कुमार, डॉ. संजय पाल, नियति शर्मा आदि मौजूद रहे।