अलीगढ़ में अवैध असलहों में वैध कारतूसों का गोरखधंधा, पंचायत चुनाव के नजदीक आते ही बढ़ गई आपूर्ति

पंचायत चुनाव के करीब आते ही अवैध असलहा तस्कर सक्रिय हो गए हैं। चोरी -छिपे अवैध असलहा की खरीद-परोख्त का खेल चल रहा है। वहीं पुलिस प्रशासन ने भी इन पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है।

By Sandeep kumar SaxenaEdited By: Publish:Thu, 28 Jan 2021 06:33 AM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 06:33 AM (IST)
अलीगढ़ में अवैध असलहों में वैध कारतूसों का गोरखधंधा, पंचायत चुनाव के नजदीक आते ही बढ़ गई आपूर्ति
पंचायत चुनाव के करीब आते ही अवैध असलहा तस्कर सक्रिय हो गए हैं।

अलीगढ़, जेएनएन। पंचायत चुनाव के करीब आते ही अवैध असलहा तस्कर सक्रिय हो गए हैं। चोरी -छिपे अवैध असलहा की खरीद-परोख्त का खेल चल रहा है। वहीं, पुलिस प्रशासन ने भी इन पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। जल्द ही जिले में इनके खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। सन से भी इसके लिए आदेश जारी हो गए हैं। इसके साथ ही अब वैध असलहों के नाम से दिए जाने वाले कारतूस की भी सख्त निगरानी हो रही है। 

प्रशासन से अनुमति लेना जरूरी 

शस्त्र लाइसेंस बनने के बाद उन पर कारतूस खरीद का प्रतिबंध दर्ज होता है। इसके तहत कोई भी लाइसेंसधारक एक बार में अधिकतम सौ व साल में दो सौ कारतूस खरीद सकता है, लेकिन उसके 80 फीसद खोखे अनिवार्य रूप से वापस करने होंगे। कारतूस खरीदने से पहले प्रशासन से अनुमति लेनी होती है। कारतूस बिक्री का पूरा रिकॉर्ड शस्त्र विक्रेता के यहां दर्ज होता है।

किसी भी जिले से खरीद  

शस्त्र लाइसेंसधारक अपनी सुविधानुसार किसी भी जिले में जाकर वहां के शस्त्र विक्रेता से शस्त्र या कारतूस खरीद सकता है। ऐसे में कारतूस बिक्री का खेल बढ़ रहा है। शस्त्र विक्रेता कारतूस बिक्री का ब्योरा अपने रजिस्टर में तो दर्ज कर लेते हैं, लेकिन उसे शस्त्र लाइसेंस पर दर्ज नहीं करते हैं। इससे कोई भी लाइसेंसधारक तय संख्या से भी अधिक कारतूस खरीद लेता है। 

नहीं देते हैं हिसाब : अगर प्रशासनिक रिकार्ड पर नजर डालें तो आधे से ज्यादा लाइसेंस धारक कारतूसों का हिसाब नहीं देते हैं। इसमें से पिस्टल के लाइसेंस धारक तो मुश्किल एक फीसद ही हिसाब से देते हैं। इनके द्वारा खाली खोके भी वापस नहीं किए जाते हैं। ऐसे में आशंका है कि अवैध असलहों में इनका प्रयोग होता है। वैध कारतूसों के लाइसेंस धारक थोड़े से लालच में इनकी बिक्री कर देते हैं। 

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कारतूस की बिक्री को लेकर शासन से नियम तय हैं। अगर कोई इसका उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होती है। अवैध असलहों को लेकर भी पुलिस की ओर से अभियान चलाया जाता है। 

चंद्रभूषण सिंह,  डीएम 

जिले में असलहा पर एक नजर 

-जिले में कुल 37 हजार से अधिक हैं लाइसेंस असलहा 

-एक बार में अधिकतम सौ कारतूस खरीद सकते हैं लाइसेंस धारक 

-80 फीसद खोखे अनिवार्य रूप से करने होते हैं वापस

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