AMU में शिया धर्म गुरु कल्बे जव्वाद बोले, Donald Trump के दौरे से भारत को लाभ नहीं Aligarh news
शिया धर्म गुरु कल्बे जव्वाद ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे पर कहा है कि इस दौरे से भारत को कोई लाभ नहीं होने वाला। वह दोस्त बनाकर इस्तेमाल करता है।
अलीगढ़ [जेएनएन]: शिया धर्म गुरु कल्बे जव्वाद ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे पर कहा है कि इस दौरे से भारत को कोई लाभ नहीं होने वाला। अमेरिका की हमेशा से ही नीति रही है कि वह दोस्त बनाकर इस्तेमाल करता है। नुकसान पहुंचाता है। अमेरिका ने कभी किसी को फायदा नहीं पहुंचाया है।
अमेरिका से सावधान रहना जरूरी
शिया धर्म गुरू एएमयू में एक पुस्तक का विमोचन करने आए हुए थे। इस दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि ओसामा बिन लादेन व बगदादी को लाने वाला अमेरिका था, मारने वाला भी अमेरिका है। अमेरिका से सावधान रहना चाहिए। उस पर बिल्कुल भरोसा नहीं करना चाहिए। इस दौरे से ट्रंप का ही लाभ होगा, क्योंकि वहां चुनाव हैं। अमेरिका चाहता तो इराक से भारत में गैस आ गई होती। अमेरिका की पॉलिसी से ङ्क्षहदुस्तान को नुकसान हो रहा है।
प्रदर्शनकारियों से बातचीत करे सरकार
शाहीन बाग पर धर्म गुरू ने कहा कि सरकार को प्रदर्शनकारियों से बात करनी चाहिए। उन्हें धरने पर नहीं छोडऩा चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि एएमयू छात्र कुलपति को हटाने की मांग गलत कर रहे हैं। ऐसे उनके कहने से वीसी नहीं हटाए जाते। यह बात छात्रों को समझ लेनी चाहिए।
शताब्दी वर्ष पर किया चार पुस्तकों का विमोचन
एएमयू के कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने शनिवार को स्थापना के शताब्दी वर्ष पर सर सैयद अकादमी की ओर से प्रकाशित चार पुस्तकों का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि सर सैयद अकादमी द्वारा जिन पुस्तकों का विमोचन हुआ है, वे सब महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि सर सैयद अकादमी के सभी दस्तावेजों को डिजीटलाइज किया जा रहा है। प्रो. इफ्तिखार आलम द्वारा यूनिवर्सिटी स्कूल का इतिहास लिखा गया है। उनके तीन भाई भी मिंटो के छात्र रहे हैं। सर सैयद अकादमी के निदेशक प्रो. अली मुहम्मद नक्वी ने बताया कि यूनिवर्सिटी के शताब्दी वर्ष पर बहुत सी किताबों का प्रकाशन होगा। सर सैयद हाउस के गेट के निर्माण के लिए कुलपति ने स्वीकृति प्रदान कर दी है।
हिस्ट्री ऑफ दि एमएओ कॉलेज पर चर्चा
सर सैयद के मित्र कर्नल जीएफआई ग्राहम की 1885 में लिखी पुस्तकों को अकादमी द्वारा दोबारा प्रकाशित किया गया। अलीगढ़ के तत्कालीन जिला सेवा योजना अधिकारी एसके भटनागर की अंग्रेजी पुस्तक 'हिस्ट्री ऑफ दि एमएओ कॉलेज पर चर्चा करते हुए सर सैयद अकादमी के उपनिदेशक डॉ. मो. शाहिद ने कहा कि यह पुस्तक 1969 में प्रकाशित हुई थी, जिसे अब पुन: प्रकाशित किया गया है। तहजीबुल अखलाक के संपादक प्रो. सऊद आलम कासमी ने प्रो. इफ्तिखार आलम की उर्दू पुस्तकों पर चर्चा की। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सैयद हसन हैदर ने किया।