उपेक्षा के शिकार ताला-हार्डवेयर कारोबार को सरकारी मदद की दरकार Aligarh news
अलीगढ़ का ताला-हार्डवेयर कारोबार 32 हजार करोड़ का सालाना हैं जिसमें 2500 करोड़ का निर्यात है। ताला-हार्डवेयर निर्माण से जुड़ीं छोटी-बड़ी मिलाकर पांच हजार यूनिट हैं जो देशी-विदेशी बाजार में माल भेजती हैं। यह उद्योग भी उपेक्षा का शिकार है।
अलीगढ़, जेएनएन : अलीगढ़ का ताला-हार्डवेयर कारोबार 32 हजार करोड़ का सालाना हैं, जिसमें 2500 करोड़ का निर्यात है। ताला-हार्डवेयर निर्माण से जुड़ीं छोटी-बड़ी मिलाकर पांच हजार यूनिट हैं, जो देशी-विदेशी बाजार में माल भेजती हैं। यह उद्योग भी उपेक्षा का शिकार है। कारण एक जिला, एक उत्पादन योजना का हिस्सा होने के बाद भी स्थानीय कारोबारी नियमों व औपचारिकताओं के फेर में फंसे हैं। अतिसूक्ष्म, लघु, कुटीर व मध्यम उद्योग (एमएसएमई) होने के कारण भी इसे बढ़ावा नहीं दिया गया। तीन तीन औद्योगिक क्षेत्र होने के बाद भी इस कारोबार को आधुनिकता के हिसाब से अपडेट नहीं किया गया। उद्यमी लोन लेने से लेकर जीएसटी तक की जटिलताओं से जूझ रहे हैं। कच्चे माल की कीमतों में 30 से 40 फीसद तक वृद्धि हो गई है। इन मुसीबतों से उबारने के लिए सरकारी मदद की दरकार है।
इनका कहना है
बजट से काफी उम्मीदें हैं, क्योंकि वित्तमंत्री ने इसके ऐतिहासिक होने का दावा करते हुए बड़ी राहत देने का दावा किया है। निर्यातकों को ज्यादा कुछ नहीं चाहिए, सिर्फ बेहतर काम का माहौल मिले और इकाइयों के विस्तार के लिए टैक्स माफी जैसे प्रोत्साहन मिलें। चीनी उत्पादों पर शिकंजा कसने के लिए डंपिंग शुल्क बढ़ा दिया जाए। निर्यातक प्रोत्साहन राशि बढ़ा दी जाए।
राजीव अग्रवाल, निर्यातक
कोरोना काल में ताला-हार्डवेयर कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। योगी सरकार ने इस पारंपरिक कारोबार को बढ़ाने के लिए कई क्रांतिकारी कदम उठाए। वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट में इसका चयन कर बढ़ावा दिया है, मगर अफसरों को नेक नियति से काम करने की जरूरत है। बैंङ्क्षकग प्रणाली में बेहतरी की जरूरत है। उद्यमियों को स्पेशल बजट दिया जाए। करों में छूट दी जाए। वित्त मंत्रालय पारंपरिक कारोबार को प्रोत्साहित करने के लिए योजना शुरू करें।
उमंग मोगा, चेयरमैन, हरीसन ग्रुप