Online Education: आनलाइन पढ़ाई नहीं तो आनलाइन स्वास्थ्य की पाठशाला लगाएंगे गुरुजी, जानिए मामला Aligarh News

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में वायरस का प्रकोप इतना भीषण है कि इस बार छात्र-छात्राओं की आनलाइन पढ़ाई पर भी रोक लगाई गई है। माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा नौवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को आनलाइन माध्यम से भी शिक्षक नहीं पढ़ा पा रहे हैं।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 10:52 AM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 10:52 AM (IST)
Online  Education: आनलाइन पढ़ाई नहीं तो आनलाइन स्वास्थ्य की पाठशाला लगाएंगे गुरुजी, जानिए मामला Aligarh News
र छात्र-छात्राओं की आनलाइन पढ़ाई पर भी रोक लगाई गई है।

अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में वायरस का प्रकोप इतना भीषण है कि इस बार छात्र-छात्राओं की आनलाइन पढ़ाई पर भी रोक लगाई गई है। माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा नौवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को आनलाइन माध्यम से भी शिक्षक नहीं पढ़ा पा रहे हैं। ऐसे में विद्यार्थियों की स्वास्थ्य की आनलाइन पाठशाला लगाने से गुरुजन पीछे नहीं रहेंगे। शासन ने आनलाइन पढ़ाई पर रोक लगाई है तो क्या हुआ? शिक्षक स्वास्थ्य की पाठशाला तो लगा ही सकते हैं। कोरोना संक्रमण काल मेें विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों को याेग व विभिन्न आसन क्रियाओं के प्रति जागरूक किया जाना भी बहुत जरूरी है। क्योंकि इस समय हर इंसान अपने घर में कैद होकर रह गया है।

अभिभावकों को भी जोड़कर जागरूकता फैलाएंगे

माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक, शिक्षिकाएं व जिला पीटीआइ आनलाइन माध्यम से विद्यार्थियों को योग व आसन की क्रियाएं बताकर बेहतर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करेंगे। यह व्यवस्था जिलास्तर पर अधिकारियों के स्तर से की जा रही है। शिक्षक भी अपने घरों से ही विद्यालय के जरूरी काम निपटा रहे हैं। पिछले कोरोना संक्रमण के दौरान जिले में करीब 80 हजार विद्यार्थी आनलाइन शिक्षा से जुड़े थे। इन सभी के मोबाइल नंबर शिक्षकों व प्रधानाचार्यों के पास हैं। इनसे विद्यार्थियों को घर से ही आनलाइन माध्यम से जोड़कर शिक्षक योग व प्राणायाम के गुर सिखाएंगे व अभिभावकों को भी इससे जोड़कर जागरूकता फैलाएंगे।

 कोरोना काल की टेंशन से भी मुक्ति मिलेगी

 डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि कोरोना काल से पहले शिक्षकों को योग का प्रशिक्षण भी दिलाया गया था। आमतौर पर शिक्षक योग व आसनों के बारे में जानते ही हैं। अगर वे घर पर रहकर आनलाइन माध्यम से विद्यार्थियों को आधे घंटे या एक घंटे इन क्रियाओं के बारे में बताएं तो विद्यार्थी स्वस्थ भी रहेंगे व कोरोना काल की टेंशन से भी मुक्ति मिलेगी। साथ ही शिक्षकों का भी योग क्रियाओं से जुड़ना रहेगा। इससे शिक्षकों व शिष्यों दोनों को ही लाभ मिलेगा। जिलास्तर पर विद्यार्थी व शिक्षक हित में यह कदम उठाने की योजना बनाई है। आने वाले दिनों में प्रधानाचार्यों संग वर्चुअल माध्यम से मीटिंग कर इसकी कार्ययोजना को अमलीजामा पहनाया जाएगा।

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