Fight Against Corona : हम न संभले तो कम पड़ जाएंगे इलाज के इंतजाम Aligarh News

कोरोना की दूसरी लहर तेजी से बढ़ रही है। पहली लहर में जहां बाहर से लौटे अथवा मरीज के संपर्क में आए लोग ही संक्रमित निकले थे लेकिन इस बार यह समुदाय में फैल चुका है। पता नहीं कोई व्यक्ति कब और कहां संक्रमित हो जाए।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 10:47 AM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 10:47 AM (IST)
Fight Against Corona : हम न संभले तो कम पड़ जाएंगे इलाज के इंतजाम Aligarh News
पता नहीं कोई व्यक्ति कब और कहां संक्रमित हो जाए।

अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना की दूसरी लहर तेजी से बढ़ रही है। पहली लहर में जहां बाहर से लौटे अथवा मरीज के संपर्क में आए लोग ही संक्रमित निकले थे, लेकिन इस बार यह समुदाय में फैल चुका है। पता नहीं कोई व्यक्ति कब और कहां संक्रमित हो जाए। संक्रमित मरीजों की कोई कांट्रेक्ट या ट्रेवलिंग हिस्ट्री भी सामने नहीं आ रही। इससे स्वास्थ्य विभाग की चिंता और बढ़ गई है। विशेषज्ञों के अनुसार वायरस कहां से आपके घर में घुस जाए, कब आपको संक्रमित कर दे, कहना मुश्किल है। हैरानी की बात ये है कि कुछ लोग अभी भी कोरोना को हल्के में ले रहे हैं। खुद तो लापरवाही बरत ही रहे हैं, दूसरे लोगों को भी गुमराह कर रहे हैं। ऐसे लोगों पर शिकायत मिलते ही अब कार्रवाई होगी। क्योंकि, जिस तरह से संक्रमण बढ़ रहा है, उससे मरीजों के लिए भविष्य में इलाज के इंतजाम कम पड़ जाएंगे। अस्पतालों में डाक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, आक्सीजन, वेंटीलेटर व अन्य संसाधनों की कमी होने लगी है। अस्पतालों में बेड तक नहीं मिलेग। इसलिए संभल जाइए, अन्यथा पछताने के सिवा कुछ हाथ नहीं लगेगा। बढ़ते संक्रमण और इलाज के इंतजामों पर प्रस्तुत है विनोद भारती की रिपोर्ट ...

इंतजाम जो कम पड़ने लगेे

13 कोविड अस्पताल हैं जिले में

07 निजी अस्पतालों को बनाया गया है कोविड अस्पताल

1088 बेड हैं कोविड अस्पतालों में

486 मरीज हैं कोविड अस्पतालों में

05 एल-वन अस्पताल बनाए गए हैं जिले में

412 बेड हैं एल-वन अस्पतालों में

159 एल- वन अस्पताल में भर्ती हैं मरीज

आपात स्थिति के लिए तैयारी

275 आक्सीजन बेड हैं कोविड अस्पतालों में

150 मरीज हैं आक्सीजन पर

80 वेंटीलेटर हैं कोविड अस्पतालों में

50 मरीज हैं वेंटीलेटर पर

आक्सीजन पर नजर

04 आक्सीजन के प्लांट हैं जिले में

01 प्लांट के पास है लाइसेंस

03 प्लांट औद्योगिक सप्लाइ के लिए

3 प्लांटों में लिक्विड से बनती है आक्सीजन

100 सिलिंडर प्रतिदिन लिक्विड से आक्सीजन उत्पादन की प्रत्येक प्लांट की है क्षमता

300 सिलिंडर आक्सीजन का उत्पादन लिक्विड से हर रोज होता था, जो अब बंद है।

01 प्लांट में हवा से आक्सीजन बनाई जाती है

250 सिलिंडर आक्सीजन प्रतिदिन हवा से बनाई जाती है

550 सिलिंडर आक्सीजन उत्पादन की क्षमता है चारों प्लांटों की

03 थोक बिक्रेता हैं आक्सीजन गैस के जिले में

250 सिलिंडर थोक बिक्रेता रख सकते हैं। फिलहाल इन पर सिलिंडर नहीं हैं।

400 सिलिंडर आक्सीजन की जिले में हर रोज हो रही है खपत

कोविड अस्पतालों पर नजर

अस्पताल, बेड, मरीज, आक्सीजन बेड, आक्सीजन पर मरीज, वेंटिलेटर, वेंटिलेटर पर मरीज

दीनदयाल, 362, 209, 250, 80, 45, 35

मेडिकल, 100, 31, 08, 15, 20,05

वरूण, 24, 12, 12, 12,04, 04

शेखर सराफ, 15, 15, 14, 13, 01, 01

मिथराज,30, 24,26, 24, 04, 04

एसजेडी, 40, 08, 30, 08,04, 04

नारायणी, 40, 08, 40, 08, 01, 01

जीवन ज्योति,45, 03, 45, 03,01, 01

मंगलायतन (सरकारी), 100, 25, 100,00, 05, 00

मंगलायतन (निजी) 20, 00, 20,00,05, 00

100 बेड अतरौली, 130, 146, 30, 00, 00, 00

छेरत कालेज, 135, 12, 40,00, 00. 00, 00

खैर, 22, 01, 10, 00,00, 00, 00

चंडौस, 25,00, 10,00,00,00,00

एल-वन अस्पतालों पर नजर

अस्पताल, बेड, मरीज

अतरौली, 130, 146

छेरत, 135, 12

मंगलायतन, 100, 25

चंडौस, 25, 00

खैर, 24, 25

अप्रैल में इस तरह बढ़ रहा संक्रमण

दिनांक, संक्रमित

21,0

20, 215

19, 168

18,159

17, 165

16,93

15,87

जांच की स्थिति

कुल सैंपलिंग-07 लाख 30 हजार 389

आरटीपीसीआर-03 लाख 22 हजार 56

एंटीजन किट-04 लाख 05 हजार 641

ट्रू नेट- 2664

सी नाट-28

ये भी जानिए

-1.77 फीसद है संक्रमण दर

- 93.36 फीसद है स्वस्थ दर

- 0.46 फीसद है मृत्यु दर

ये बरतें सावधानी

- जरूरी कार्य से ही घर के बाहर जाएं।

- बाहर जाते समय मास्क लगाना न भूलें।

- भीड़भाड़ वाली जगह पर न जाएं।

- शारीरिक दूरी का ख्याल रखें।

- मास्क से छेड़छाड़ बिल्कुल न करें।

- खांसते-छींकते वक्त मुंह-नाक को ढांप लें।

- किसी भी चीज को छूने से बचें।

- अब किसी बीमार व्यक्ति को देखने जाएं तो संभलकर।

- घर में लाए गए सामान को पहले सैनिटाइज करें।

- कोहनी से दरवाजा खोलने की आदत डालें।

- बाहर से आकर बिना हाथ धोए किसी चीजे को न छुएं।

- कपड़े, जूते-चप्पलों को अलग उतारकर रख दें।

- बच्चों को बीमार व्यक्ति के पास न जाने दें।

वायरस का सामुदायिक प्रसार होने लगा है। संक्रमण दर तेजी से बढ़ रही है। इससे साफ है कि लोग अभी भी लापरवाही बरत रहे हैं। यह लापरवाही पूरे परिवार और समुदाय को खतरे में डाल रही है। इसलिए वायरस से बचाव के लिए हर संभव प्रयास करें। लक्षणों की अनदेखी न करें। बीमार होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच कराएं।

- डा. बीपीएस कल्याणी, सीएमओ।

chat bot
आपका साथी