पहले ही चेत जाता नगर निगम तो न होती इतनी किरकिरी Aligarh news
नगर निगम की कार्यप्रणाली भी अजीब है। जब तक विरोध-प्रदर्शन उच्चाधिकारियों की फटकार न पड़े तब तक विभागीय अधिकारी हरकत में नहीं आते। अब बदहाल सड़कों का मुद्दा ही लीजिए सालभर से इन गड्ढों काे भरने की मांग की जा रही है।
अलीगढ़ , जागरण संवाददाता। नगर निगम की कार्यप्रणाली भी अजीब है। जब तक विरोध-प्रदर्शन, उच्चाधिकारियों की फटकार न पड़े, तब तक विभागीय अधिकारी हरकत में नहीं आते। अब बदहाल सड़कों का मुद्दा ही लीजिए, सालभर से इन गड्ढों काे भरने की मांग की जा रही है। विरोध-प्रदर्शन भी हो चुके हैं। बारिश में ये गड्ढे और गहरे हो गए। औपचारिकता पूरी करने के लिए सड़कों पर कराया पैंचवर्क बारिश के पानी में धुल गया। सड़कों पर बजरी उखड़ने लगी, जो वाहन चालकों के लिए मुसीबत से कम नहीं हैं। बजरी पर अक्सर वाहन फिसलते हैं। दैनिक जागरण ने जर्जर हो चुकीं सड़कों का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। लोगों की पीड़ा से भी अवगत कराया। तब कमिश्नर और डीएम ने निगम अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई। पार्षद भी विरोध में उतर आए। इसके बाद हरकत में आए अफसरों ने सड़कों की सुध ली। अब दो दिन से जर्जर सड़कों पर पैंचवर्क का कार्य जारी है।
जर्जर सड़कों से आमजन परेशान
शहर में जर्जर हो चुकी सड़कों से आमजन परेशान हैं। वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अमृत योजना के तहत खोदी गईं सड़कें ठीक नहीं कराई गईं। जबकि, पाइप लाइन डालने के बाद पूर्व की भांति सड़कों को ठीक करने की शर्त टेंडर में है। शासन के भी यही दिशा-निर्देश हैं। लेकिन, ऐसा हुआ नहीं। न ही विभागीय अधिकारियों ने कभी इसकी समीक्षा की। जिन सड़कों पर गड्ढे भरे, वहां घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया। ये गड्ढे पुन: उखड़ गए। यही नहीं, बारिश से गड्ढे और गहरे हो चुके हैं। दैनिक जागरण ने यह मुद्दा उठाकर 'गड्ढों में सड़क की तलाश' शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। बदहाल सड़कों की तस्वीरें भी प्रकाशित कीं। खबर का संज्ञान लेकर कमिश्नर और डीएम ने नगर निगम को आड़े हाथों लिया। सड़कों को ठीक कराने के सख्त निर्देश दिए गए। इसके बाद निगम अधिकारियों ने आनन-फानन में कार्ययोजना तैयार कर सड़कों की मरम्मत शुरू कर दी। रविवार को भी मरम्मत का कार्य जारी था। मैरिस रोड पर पाइप लाइन डालने के लिए खोदी गई सड़क समतल कराई जा रही है। पुलिस कंट्रोल रूम से गुजर रही सड़क पर भी गड्ढे भरे जा रहे हैं। अन्य सड़कें भी ठीक कराई जा रही हैं।