महागुरु' ने मोबाइल बंद किया तो देना पड़ेगा स्पष्टीकरण, जानिए मामला Aligarh News
20 मई तक यूपी बोर्ड परीक्षाएं कराई भी नहीं जाएंगी। मगर जिले में पंचायत चुनाव भी होने हैं। इनके अलावा बोर्ड के भी कई क्रियाकलापों को अमलीजामा पहनाया जाना है। इसलिए गाजीपुर की तर्ज पर जिले में शिक्षाधिकारी प्रधानाचार्यों के लिए नई व्यवस्था लेकर आए हैं।
अलीगढ़, जेएनएन। मोबाइल फाेन जब लोगों के हाथों में आया तो वार्तालाप व संदेशों के आदान-प्रदान की जिंदगी काफी आसान सी लगने लगी। बिना तार के फोन को जेब में रखकर तत्काल बात करने की सुविधा भी हुई। मगर यही फोन अब आधुनिकता के दौर में और भागमभाग भरी जिंदगी में लोगों के लिए मुसीबत भी बन रहा है। हालांकि सही दिशा में उपयोग हो तो ये वरदान भी है और गलत दिशा में प्रयोग हो तो विनाश का कारण भी बन जाता है। मगर 2021 में जो कोरोना संक्रमण काल चल रहा है इसमें मोबाइल एक नई मुसीबत बनकर सामने आया है। ये मुसीबत आमजन के लिए नहीं बल्कि माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाने वाले प्रधानाचार्यों के लिए बना है। गुरुजनों के भी बाॅस (महागुरु) यानी प्रधानाचार्य अब मोबाइल को लेकर नई टेंशन में आ गए हैं। ये टेंशन उनको शासन व माध्यमिक शिक्षा विभाग के आलाधिकारियों ने दी है।
यूपी बोर्ड परीक्षाएं स्थगित
कोरोना काल में यूपी बोर्ड परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। 20 मई तक यूपी बोर्ड परीक्षाएं कराई भी नहीं जाएंगी। मगर जिले में पंचायत चुनाव भी होने हैं। इनके अलावा बोर्ड के भी कई क्रियाकलापों को अमलीजामा पहनाया जाना है। इसलिए गाजीपुर की तर्ज पर जिले में शिक्षाधिकारी प्रधानाचार्यों के लिए नई व्यवस्था लेकर आए हैं। गाजीपुर में जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से आदेश जारी किया गया कि सभी प्रधानाचार्य अपना मोबाइल नंबर बंद नहीं करेंगे। जिससे शासन की ओर से आने वाले आदेशों व निर्देशों को आपस में साझा किया जा सके व उनका क्रियान्वयन किया जा सके। चूंकि ये काम को गति देने के लिए अच्छा फैसला था इसलिए अब अलीगढ़ में भी डीआइओएस स्तर से इसको अमल में लाने पर विचार किया जा रहा है। डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि कक्षा एक से 12वीं तक के विद्यालय बंद रखने के निर्देश हैं। ऐसे में पंचायत चुनाव भी होने हैं, इसलिए शासन के कई आदेश आते हैं, उनका आदान-प्रदान मोबाइल के जरिए ही हो सकेगा। इसलिए सभी प्रधानाचार्यों को मोबाइल चालू रखने के निर्देश दिए जाएंगे। ये अच्छी व्यवस्था साबित होगी। हालांकि अभी मोबाइल बंद होने पर कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी लेकिन अगर प्रधानाचार्यों की काम से दूर हटने की मंशा सामने आएगी तो अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।