हम काका तुम पटाखा, दोनो मिलकर हास्य व्यंग्य में डालें डाका, जानिए पूरा मामला Aligarh news

वरिष्ठ कवि प्रेम किशोर पटाखा आज 78 वर्ष के हो गये हैं 78 की उम्र में इनकी 78 पुस्तकेें प्रकाशित हो चुकी हैं। पटाखा जी बताते है कि कुछ ऐसा संयोग रहा कि मेरी उम्र के साथ मेरी पुस्तकें जुड़ती गयीं।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 08:04 AM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 08:16 AM (IST)
हम काका तुम पटाखा, दोनो मिलकर हास्य व्यंग्य में डालें डाका, जानिए पूरा मामला Aligarh news
वरिष्ठ कवि प्रेम किशोर पटाखा आज 78 वर्ष के हो गये हैं।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। वरिष्ठ कवि प्रेम किशोर पटाखा आज 78 वर्ष के हो गये हैं, 78 की उम्र में इनकी 78 पुस्तकेें प्रकाशित हो चुकी हैं। पटाखा जी बताते है कि कुछ ऐसा संयोग रहा कि मेरी उम्र के साथ मेरी पुस्तकें जुड़ती गयीं। दिल्ली के लगभग डेढ़ दर्जन प्रकाशकों ने इनकी पुस्तकें छापी हैं। बच्चों से लेकर युवा और बुजुर्गो के लिए इनके लेखन की विधाऐं रही हैं। मंचो पर हास्य कवि के रूप में ख्याति मिली तो बाल विद्यालयों में बाल रचनाकार के रूप में और इन दिनों वे राम-भजो-राम कीर्तन शैली में रामधुन गा रहे है, जो इन दिनों यू-ट्यूब पर बेहद लोकप्रिय है। पटाखा जी बताते हैं कि कलमकारों के लिए कलम सबसे बड़ा हथियार है और इसे सही समय पर जोड़ा जाये तो कलम वरदान बन जाती है।

कलमकार का कर्म है सबको बांटे ज्ञान

कवि पटाखा आज भी लेखन के प्रति समर्पित हैं। इन दिनों ये एक नये अभियान से जुड़े है, सकंल्पित अपना अभियान जन-जन-मन गीता का ज्ञान। कवि पटाखा ने बताया कि आज हर घर में अर्जुन पैदा हो जो समय और देश की बागडोर संभाले। हमारे त्योहार हमारे प्रेम की भाषा सिखाते है उसमें कुछ असमाजिक तत्व विष घोल देते है, कलमकार अपनी अहम भूमिका निभाये। 78 वर्ष की उम्र में इन दिनों आप राम-भजो-राम के नये सफर पर है, वे हर्ष के साथ बताते है विगत दो हफ्तों में ही रामधुन के श्रोता अपनी धुन में यह गुनगुना रहे है।

पटाखा जी की रामधुन से राममय हो जाता है वातावरण

अचल सरोवर के गिलहराज मंदिर के मंहत योगी कौशल नाथ जी महाराज बताते है आज राम का नाम जितना सुंदर है उससे भी अधिक सुंदर है इसका गुणगान करना। पटाखा जी के स्वर में गायी यह रामधुन गाथा सुनकर वातावरण राममय हो जाता है।कवि प्रेम किशोर पटाखा का जन्म दीपावली के दिन हुआ तभी अपने जमाने के हास्य सम्राट काका हाथरसी ने तुक मिलाकर नये नामकरण का आर्शीवाद दिया हम काका तुम पटाखा, दोनो मिलकर हास्य व्यंग्य में डालें डाका। यह पटाखा जी के लेखन का ही कमाल है कि इन्होंने ‘क‘ अक्षरावली से लेकर रामधुन में राम की कथा लिख दी जल्दी ही यह कथा चित्रकूट, अयोध्या और काशी की नगरी में अपनी अमृतवर्षा करने वाली है। आगामी 7 नवम्बर 2021 को गौरक्षा सम्मेलन जंतर-मंतर के विशाल अधिवेशन में अपनी काव्य धारा के लिये दिल्ली आमंत्रित किये गये है।

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