अलीगढ़ में आरटीओ ऑफिस में ऐसे बनेंगे ड्राइविंग लाइसेंस, जानिए विस्तार से
आवेदन करने वाले आवेदकों के लिए अलग-अलग टोकन मशीनें लगाई गई हैं। जहां से आवेदक अपना टोकन लेकर वेटिंग लाउंज में प्रतीक्षा करेंगे। जब टोकन नम्बर सामने लगे डिस्प्ले सिस्टम पर प्रदर्शित होगा तो वे अपनी बारी से क्रम संख्या के अनुसार प्रपत्रों की स्क्रूटनी बायोमैट्रिक व टेस्ट लिए जाएंगे।
अलीगढ़, जेएनएन। आरटीओ आफिस को माडल बनाने का काम तेजी से जारी है। अब यहां लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया बदली जा रही है और टोकन व शिफ्टिंग की व्यवस्था की गई है। इससे आवेदकों का न तो समय खराब होगा और न ही उन्हें बेवजह एक खिड़की से दूसरी खिड़की पर भागना होगा। लर्निंग,डीएल,रिन्यूअल व डुप्लीकेट लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों के लिए अलग-अलग टोकन मशीनें लगाई गई हैं। जहां से आवेदक अपना टोकन लेकर वेटिंग लाउंज में प्रतीक्षा करेंगे। जब टोकन नम्बर, सामने लगे डिस्प्ले सिस्टम पर प्रदर्शित होगा तो वे अपनी बारी से क्रम संख्या के अनुसार प्रपत्रों की स्क्रूटनी, बायोमैट्रिक व टेस्ट लिए जाएंगे।
सिर्फ 250 आवेदन स्वीकार
आरटीओ प्रशासन केडी सिंह गौर ने बताया कि नई व्यवस्था के तहत लर्निंग लाइसेंस व स्थायी लाइसेंस के लिए हरे रंग का टोकन दिया जा रहा है। यह टोकन आवेदक के दस्तेवाजों की स्क्रूटनी होने के बाद जारी किया जा रहा है। इस टोकन पर खिड़की नंबर और समय लिखा रहता है। जिससे आवेदक तय समय पर खिड़की पर जाकर अपना बायोमैट्रिक करा पा रहा है। उन्होंने बताया कि अभी कार्यालय में लर्निंग लाइसेंस के लिए प्रतिदिन 250 आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं। स्थायी लाइसेंस के लिए 180 आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं।
तीन शिफ्टों में बनेंगे लाइसेंस
आरटीओ प्रशासन के अनुसार तीन शिफ्टों में आवेदकों के लाइसेंस जारी किए जाएंगे। पहली शिफ्ट सुबह दस बजे से 12:30 बजे तक, दूसरी 12:30 से तीन बजे व तीसरी शिफ्ट तीन बजे से पांच बजे तक होगी। हर शिफ्ट में बराबर -बराबर आवेदक रहेंगे। तय शिफ्ट में टोकन नंबर के आधार पर ही आवेदक का बायोमैट्रिक का काम हो रहा है।