साइबर ठगों का 'हनीट्रेप', इंटरनेट मीडिया पर पहले दोस्ती फिर ब्लैकमेलिंग Aligarh news
दीपक के मोबाइल फोन पर देर रात काल आयी। हेलो बोलते ही एक महिला की सुरीली आवाज सुनायी दी। बोली मैं अकेली हूं क्या आप मुझसे दाेस्ती करोगे? दीपक ने बिना कुछ सोचे समझे ही युवती के दोस्ती के प्रस्ताव पर सहमति जता दी।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। दीपक के मोबाइल फोन पर देर रात काल आयी। हेलो बोलते ही एक महिला की सुरीली आवाज सुनायी दी। बोली, मैं अकेली हूं, क्या आप मुझसे दाेस्ती करोगे? दीपक ने बिना कुछ सोचे समझे ही युवती के दोस्ती के प्रस्ताव पर सहमति जता दी। इसके बाद फोन पर बातों के साथ ही चैटिंग, इंटनेट मीडिया पर दोस्ती का दौर चलता रहा। एक दिन युवती ने बताया कि उसकी मां बीमार है उसे पैसों की जरूरत है। मजबूरी देख दीपक ने दोस्ती की खातिर रुपयों की डिमांड पूरी कर दी। फिर महिला दोस्त दीपक के सामने कोई न कोई डिमांड रखकर पैसे हड़पती रही। यह रोज का सिलसिला चल निकला। इससे दीपक परेशान हो गया और उसने कोई भी डिमांड पूरी करने से मना किया तो उसे तरह-तरह से बदनाम करने की धमकी देकर ब्लैकमेल किया जाने लगा। मजबूर होकर उसने पुलिस की मदद ली। तब कहीं जाकर साइबर शातिरों से उसे निजात मिल सकी।
फोन काल आने पर हो जाएं सतर्क
साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक अगर फोन पर आने वाली काल पर कोई लुभाने वाली बात करे तो ऐसे में तुरंत सतर्क हो जाएं। वे साइबर ठग भी हो सकते हैं। अगर आप इनके झांसे में आ गए तो सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल होने के साथ ही आर्थिक चोट भी पहुंच सकती है। साइबर सेल में इस तरह के अनगिनत मामले सामने आ रहे हैं, जिनकी जांच लगातार जारी है। साइबर ठगों का यह एक तरह का 'हनीट्रेप' है जिसमें तमाम लोग झांसे में आकर शातिरों का शिकार बन रहे हैं और अपनी मेहनत की कमाई को गंवा रहे हैं।
मैसेज से दोस्ती का दांव
साइबर शातिर फेंक आइडी से सिम लेकर मोबाइल फोन से मैसेज भेजकर दोस्ती का प्रस्ताव देते हैं। इंटरनेट मीडिया पर भी सैंकड़ों लोगों को जोड़कर मैसेज से बात करना शुरू कर देते हैं। कुछ दिन बात कर विश्वास हासिल कर लेते हैं, फिर किसी न किसी बहाने से पैसे की मांग करने लग जाते हैं। लोग इनके झांसे में आकर पैसे ट्रांसफर कर देते हैं। कई मामलों में तो शातिर महिला फाेन कर लोगों को अपने जाल में फंसाकर रकम ऐंठती हैं।
शातिरों को पकड़ना बेहद चुनौतीपूर्ण
साइबर ठग बेहद शातिर होते हैं। वे कई-कई नेटवर्क काे हैक कर लेते हैं और फ्राड करने को किसी अन्य आइपी एड्रेस का भी इस्तेमाल करते हैं। हर दिन शहर में साइबर क्राइम से जुड़ी तीन-चार घटनाएं हो रही हैं। एेसे केसों में पुलिस का आरोपितों तक पहुंचना किसी चुनौती से कम नहीं है। अधिकांश मामलों में आरोपित बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान व दक्षिण भारत के कई राज्यों से जुड़े हुए मिले हैं।
पुलिस बना रही जागरूक, बरतें सावधानी
पुलिस साइबर ठगी से बचाव को पोस्टर, बैनर, गोष्ठी, चौपाल के अलावा इंटरनेट मीडिया के जरिए लगातार लोगों को जागरुक कर रही है। जिसमें उन्हें बताया जा रहा है कि किसी भी अंजान शख्स से इंटरनेट मीडिया या फोन पर दोस्ती न करें। कोई अंजान आपकी फ्रेंड लिस्ट में है और कभी कोई मजबूरी दिखाकर पैसों की मांग करे तो साफ इन्कार कर दें। इंटरनेट मीडिया पर किसी अंजान को दोस्ती का प्रस्ताव भी न भेजें। इसके लिए प्राइवेसी के आप्शन का प्रयोग करें।
इनका कहना है
पुलिस साइबर अपराध से बचाव को नागरिकों को विभिन्न माध्यमों से जागरुक कर रही है। साइबर सेल भी ऐसे अपराधों में प्रभावी कार्रवाई करते हुए पीड़ितों की मददगार साबित हो रही है। अब तक कई शातिरों को जेल भेजा गया है। पीड़ितों से हड़पी गई धनराशि को भी वापस दिलाया गया है।
- कलानिधि नैथानी, एसएसपी