मृत्यु दर के लिए वैश्‍विक जोखिमों में से एक है उच्‍च रक्‍तचाप Aligarh news

इगलास क्षेत्र में बेसवां स्थित मंगलायतन विश्वविद्यालय अलीगढ द्वारा सेमिनार श्रृंखला आयोजित की जा रही है। सेमिनार में फार्मेसी से राम गोपाल एसओपी से डा. गौरव राजौरिया यादवेंद्र सिंह और नर्सिंग विभाग से प्रियंका मसीह ने विचार रखे।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Wed, 07 Jul 2021 10:03 AM (IST) Updated:Wed, 07 Jul 2021 10:03 AM (IST)
मृत्यु दर के लिए वैश्‍विक जोखिमों में से एक है उच्‍च रक्‍तचाप Aligarh news
इगलास क्षेत्र में बेसवां स्थित मंगलायतन विश्वविद्यालय द्वारा सेमिनार में बोलतेे वक्‍ता।

अलीगढ़, जेएनएन । इगलास क्षेत्र में बेसवां स्थित मंगलायतन विश्वविद्यालय द्वारा सेमिनार श्रृंखला आयोजित की जा रही है। सेमिनार में फार्मेसी से राम गोपाल, एसओपी से डा. गौरव राजौरिया, यादवेंद्र सिंह और नर्सिंग विभाग से प्रियंका मसीह ने विचार रखे।


बीते वर्षों में फार्मेसी पेशे का विस्‍तार हुआ

राम गोपाल ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान पेशेवर सेवाओं के वितरण के मामले में फार्मेसी पेशे का विस्तार हुआ है। इसे महत्वपूर्ण पेशे के रूप में मान्यता दी गई है। डा. गौरव राजौरिया ने कहा कि उच्च रक्तचाप मृत्यु दर के लिए प्रमुख वैश्विक जोखिमों में से एक है। यादवेंद्र सिंह ने बताया कि कुछ अध्ययनों में कहा गया है कि दवाओं और विटामिनों की समाप्ति तिथि निर्माताओं द्वारा गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एक रूढि़वादी अनुमान है। प्रियंका मसीह ने बताया कि दो प्रकार के वेंटीलेटर होते है। एक पॉजिटिव और एक नेगेटिव। नेगेटिव वेंटीलेटर में मरीज के शरीर को पैक किया जाता है। इसमें सिर्फ सिर बाहर रहता है और शरीर पर बाहर से दबाव डाला जाता है। इसके परिणाम स्वरुप मरीज के लंग्स में ऑक्सीजन पहुंचती है। जबकि पॉजिटिव वेंटीलेटर में मरीज को ट्यूब की मदद से ऑक्सीजन दी जाती है। इस मौके पर विवि के शिक्षक मौजूद रहे।

chat bot
आपका साथी