अलीगढ़ में पुलिस पर भारी, अपराधियों की तमंचे से यारी
योगीराज में पुलिस भले ही बदमाशों पर भारी पड़ रही हो लेकिन 315 बोर तमंचे के आगे अभी भी पानी मांग रही है।
अलीगढ़ (रिंकू शर्मा)। योगीराज में पुलिस भले ही बदमाशों पर भारी पड़ रही हो लेकिन 315 बोर तमंचे के आगे अभी भी पानी मांग रही है। पुलिस रिकार्ड को सही मानें तो पुलिस जितने अपराधियों को पकड़ती है उनके पास से उतने तमंचे भी पकड़ती है। अपराधी चाहें छोटा हो या फिर ढाई हजार के इनामी से लेकर 50 हजार का इनामी बदमाश रहा हो सबके पास से ही पुलिस ने 315 बोर का तमंचा जरूर बरामद करने का दावा किया है। एक ओर पुलिस आधुनिक तकनीक के साथ ही हथियारों से भी पूरी तरह लैस रहती है। फिर भी बदमाश पुलिस से होने वाली मुठभेड़ों में 315 बोर के तमंचे से ही मुकाबला करते हैं।
पुलिस पर पड़ते हैं भारी
कई बार बदमाश व 315 बोर का तमंचा पुलिस पर भारी भी पड़ जाता है और उसे मुहं की भी खानी पड़ जाती है। इसके पीछे भी 315 बोर का तमंचा रहा है जो हर बार पुलिस को पटखनी दे जाता है। सवाल लाख टके का है कि आखिर क्या वजह है जो तमंचा पुलिस की आधुनिक तकनीक व हथियारों पर भी भारी पड़ रहा है। जिले में पुलिस हर रोज किसी न किसी अपराधी को पकड़ती है। आंकड़े बताते हैं कि पकड़े गए अपराधियों में जुर्म व जरायम की दुनियां में तमंचे की बादशाहत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हर दूसरे हाथ में 315 बोर का तमंचा ही मिलता है। पुलिस इन अपराधियों को अपराध की योजना बनाते हुए, अपराध के दौरान या फिर मुठभेड के बाद पकड़ती है।
कहां से आते हैं तमंचे?
आखिर पकड़े जाने वाले तमंचे कहां से आते हैं? पुलिस सब जानती है। अगर नहीं जानती है तो यह आते कहां से हैं? कौन इन अवैध असलाहों की सप्लाई कर रहा है? हर अपराधी को बड़ी आसानी से तमंचे इतनी आसानी से कैसे पहुंच रहे हैं?
आंकड़े बोलते हैं...
वर्ष, मुकदमे, पकड़े गए आरोपित
2016, 714, 714
2017, 628, 628
2018, 781, 781
2019, 298, 298
(सभी आंकड़े 10 अप्रैल 2019 तक के हैं)
पुलिस लगातार कर रही कार्रवाई
एसएसपी आकाश कुलहरि का कहना है कि अपराधी अधिकांश घटनाओं में अवैध असलाह का ही प्रयोग करते हैं। पुलिस लगातार उन पर कार्रवाई भी करती है। अवैध शस्त्र बनाने की फैक्ट्रियों के अलावा सप्लाई करने वालों पर कार्रवाई की जाती रही है।
इनामी से बरामद तमंचे
- 28 मार्च 2018 : देहलीगेट में मुठभेड़ में 25 हजारी सुभाष घायल, तमंचा-कारतूस मिले।
- छह अप्रैल : देहलीगेट में मुठभेड़ में कपिल व अनिल घायल, दोनों से तमंचे मिले।
- दो अगस्त : अतरौली मुठभेड़ में 25 हजारी राशिद को गोली लगी, तमंचा मिला।
- आठ अगस्त : टप्पल मुठभेड़ में 25-25 हजार के दो इनामी घायल, दोनों से तमंचे मिले।
- 13 सितंबर : बन्नादेवी मुठभेड़ में 25-25 हजार के दो इनामी दबोचे, एक घायल। तालानगरी में 25 हजारी घायल। तीनों से मिले तमंचा-कारतूस। - 16 नवंबर : क्वार्सी मुठभेड़ में फीरोजाबाद का 20 हजारी लव चौहान घायल, तमंचा मिला।
- 29 नवंबर : खैर मुठभेड़ में हाथरस का 20 हजारी सगीर घायल, तमंचा मिला।
- 17 दिसंबर : टप्पल मुठभेड़ में 20 हजारी शराब तस्कर मनोज घायल, तमंचा मिला।
- 21 दिसंबर : कोतवाली व जवां मुठभेड़ में 20-20 हजार के शकील व धर्मा घायल, तमंचे मिले।