सर्दी और धुंध में न टहलें दिल के रोगी
सर्दियों का मौसम शुरू हो गया है। जैसे-जैसे ठंड बढ़ेगी दिल का दौर बढ़ता जाएगा। दिल के रोगी सर्दी से बचें।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़: सर्दियों का मौसम शुरू हो गया है। जैसे-जैसे ठंड बढ़ेगी दिल का दौरा, हार्ट फेल्योर, स्ट्रोक के साथ अन्य जोखिम बढ़ जाते हैं। जिन मरीजों को पहले अटैक पड़ा हो, छल्ला पड़ा हो, हाई ब्लड प्रेशर, कोलस्ट्राल व सांस संबंधी समस्याएं हों, उन्हें ठंड में खतरा अधिक होता है। मरीज धुंध में बिल्कुल न टहलें, घर पर ही योग-व्यायाम करें। बीपी, शुगर व कोलस्ट्राल की नियमित रूप से जांच कराएं और दवा लेते रहें। हल्का भोजन करें। एल्कोहल न लें। यह सलाह पं. दीनदयाल उपाध्याय संयुक्त चिकित्सालय के हृदय रोग विशेषज्ञ डा. एसके सिघल ने दी। वह बुधवार को दैनिक जागरण के 'हेलो डाक्टर' कार्यक्रम में पाठकों के सवालों का जवाब देने के लिए आमंत्रित किए गए थे। प्रस्तुत हैं उनसे पूछे गए सवाल और उनके जवाब..।
कुछ साल पूर्व ही छल्ला डलवाया है। बीपी व शुगर की दवा ले रहा हूं। शुगर में नमक कम आया है। सर्दी के मौसम में क्या-क्या एहतियात बरतनी चाहिए।
- प्रेमपाल सिंह, एलआइयू, अलीगढ़।
भोजन में नमक की मात्रा कुछ बढ़ा दीजिए। इलेक्ट्राल का सेवन भी कर सकते हैं। आप कोलस्ट्राल नियमित रूप से चेक कराएं और दवा लेते रहें। रोजाना टहलने जाएं। ज्यादा तैलीय भोजन न खाएं।
एक सप्ताह पूर्व ही टायफाइड हुआ। अब दो दिनों से हाथ-पैर में चींटिया सी दौड़ रही हैं। ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ लग रहा है।
- संदीप कुमार, मेलरोज बाईपास।
शुगर, लिवर, किडनी व कोलेस्ट्राल आदि की जांच कराकर देखना होगा कि किस कारण से ब्लड प्रेशर बढ़ा है। फिलहाल, नियमित व्यायाम करें। रोजाना टहलें। नमक का सेवन कम कर दें। परेशानी ज्यादा हो तो विशेषज्ञ से संपर्क करें।
पैदल चलने या सीढ़ी चढ़ते वक्त सांस फूलती है। सर्दी में समस्या ज्यादा बढ़ गई है। उपचार बताएं।
- रमा सारस्वत, बरौला बाईपास।
सांस फूलने का कारण हृदय, श्वसन रोग व एलर्जिक समस्या हो सकती है। जांच के बाद ही उचित निदान हो पाएगा। फिलहाल, ठंड व प्रदूषण से बचाव करें। ज्यादा परेशानी होने पर डाक्टर से मिलने में संकोच न करें।
मेरी उम्र 82 वर्ष है। हृदय रोग से पीड़ित हूं। छल्ले पड़ चुके हैं। कुछ समय से फिर सांस फूलने लगी है। छाती से लेकर बांह तक दर्द होता है।
- महावीर सिंह, रामबाग कालोनी।
सर्दी के मौसम में रक्त नलिका सिकुड़ने लगती हैं। इससे कार्डिएक अरेस्ट का खतरा बढ़ जाता है। नसों का संकुचन सीने में दर्द व जकड़न बढ़ाता है, जिसे एंजाइना पेन कहते हैं। आक्सीजन पाने के लिए हृदय को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इससे ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है। आपकी कुछ दवा और बढ़ानी पड़ेंगी। आराम करिए। सीढ़ी चढ़ने से बचें। ज्यादा दर्द हो तो विशेषज्ञ से जीभ के नीचे रखने वाली टेबलेट लिखवा लें।
10 साल से हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत हैं। नियमित रूप से दवा लेता हूं। क्या मैं बादाम खा सकता हूं।
- राम प्रकाश, आइटीआइ रोड रामनगर।
हां, दिल के लिए बादाम का सेवन ठीक है, लेकिन ज्यादा नमक व तैलीय भोजन से परहेज करना होगा। कोलस्ट्राल भी चेक करा लें।
इन्होंने भी लिया परामर्श
कासिमपुर पावर हाउस से रामगोपाल व शिव कुमार, सासनी गेट से जीसी शर्मा, बड़ा गांव अतरौली से प्रेमवती, इगलास से मदनलाल सिघल, सारसौल से जेपी शर्मा, जयगंज से प्रभात गुप्ता, अकराबाद से चौ. ब्रजवीर सिंह, छर्रा से निर्मला देवी, टप्पल से कंछी सिंह, प्रतिभा कालोनी से संदीप, जवां से पुष्पेंद्र सिंह आदि।
सर्दी में ऐसे करें दिल की देखभाल
- नियमित रूप से दवा लेते रहें।
- धुंध व कोहरा में मार्निंग वाक से परहेज करें।
- ठंड से बचाव करें। शरीर को ढांपने वाले गर्म कपड़े पहनें।
- शादी-पार्टी में जाएं तो ज्यादा न खाएं।
- पेट भरकर खाने की बजाय, कई बार में खाएं। ज्यादा खाने वालों को अटैक का खतरा अधिक।
- सूप, जूस, दलिया आदि का सेवन ज्यादा करें
- शराब, सिगरेट व तंबाकू के सेवन से परहेज करें।
- ज्यादा ठंड में अनावश्यक यात्रा से दूरी बनाएं।