pollution : ठंड व प्रदूषण से हांफने लगे दिल व सांस के रोगी, मरीजों की संख्या बढ़ी Aligarh News
सर्दी-जुकाम खांसी-बुखार और सिर दर्द जैसी परेशानियां आम हैं मगर अस्थमा और हृदय रोगियों के लिए यह मौसम बेहद संवेदनशील है।अस्थमा व हृदय रोगी इलाज के लिए पहुंचने शुरू हो गए है।
अलीगढ़ (जेएनएन) : सर्दी की दस्तक के साथ ही बच्चों को ही नहीं, बड़े-बुजुर्गों को भी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। सर्दी-जुकाम, खांसी-बुखार और सिर दर्द जैसी परेशानियां आम हैं, मगर अस्थमा और हृदय रोगियों के लिए यह मौसम बेहद संवेदनशील है। यही वजह की डॉक्टरों के पास अस्थमा व हृदय रोगी इलाज व परामर्श के लिए पहुंचने शुरू हो गए हैं। विशेषज्ञ भी उन्हें ठंड से होने वाली परेशानी से बचाव के टिप्स देने लगे हैं।
हृदय रोगी ठंड में बरते सावधानी
दीनदयाल अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. एसके सिंघल का कहना है कि सर्दी में रक्त वाहिनी नलियां सिकुड़ जाती हैं। खून जमने का खतरा रहता है। इससे रक्त संचार कम हो जाता है। वातावरण में अभी प्रदूषण भी है। यदि मरीज की सांस फूलती है तो उसके हार्ट पर जोर पडऩे से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। अटैक की आशंका रहती है। हृदय रोगी सुबह-शाम की सर्दी से बचें और घर पर ही बीपी चेक कराते रहें या फिर डॉक्टर से सलाह लेते रहें।
सर्दी, धूल-धुआं व धुंध से बचें
सांस रोग विशेषज्ञ डॉ. पवन वाष्र्णेय बताते हैं कि सांस की बीमारी से ग्रसित लोगों को धूल, मिट्टी, धुआं, धुंध और बीड़ी-सिगरेट आदि से दूरी बनाए रखने में ही भलाई है। सर्दियों में अस्थमा व सांस रोगियों की दिक्कत बढ़ जाती है। ठंड की वजह से उन्हें सांस लेने में परेशानी होती है। सर्दी में सांस रोगियों को अलाव तापने और कोहरे में निकलने से बचना चाहिए। यदि किसी चीज से एलर्जी है तो बचाव करें।
धूप और मालिश से आराम
विशेषज्ञों के अनुसार सर्दियों में धूप सेकना सेहत के लिए बेहद लाभदायक है। धूप खिलने पर सरसों के तेल की मालिश या हाथ-पैरों पर वैसलीन मलें। इससे त्वचा भी कोमल बनी रहेगी और सूर्य की किरणें आपको नई ऊर्जा भी देगी।