अलीगढ़ में स्वास्थ्यकर्मियों ने उत्साह से लगवाया टीका
स्वास्थ्य विभाग के साथ शासन और प्रशासन ने लोगों को जागरूक किया। इसका नतीजा ये हुआ कि शुक्रवार को टीकाकरण के दौरान न तो कर्मचारी डरे और न पीछे हटे। सभी ने उत्साह के साथ खुद तो टीका लगवाया।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : कोरोना वायरस से बचाव के लिए 16 जनवरी को पहला टीकाकरण हुआ। इसमें कुछ स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगने के बाद सिरदर्द, बदन दर्द, बुखार व अन्य लक्षण उभरे। इससे कुछ कर्मचारियों में भ्रम की स्थिति बन गई कि टीका लगवाएं या नहीं! स्वास्थ्य विभाग के साथ शासन और प्रशासन ने लोगों को जागरूक किया। इसका नतीजा ये हुआ कि शुक्रवार को टीकाकरण के दौरान न तो कर्मचारी डरे और न पीछे हटे। सभी ने उत्साह के साथ खुद तो टीका लगवाया।
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टीका लगवाकर अच्छा लग रहा है। मेरी चिकित्सक बेटी ने भी 16 जनवरी को टीका लगवाया। हम दोनों को कोई परेशानी नहीं। टीके से अपना, परिवार व समाज का भला होगा। सरकार की अच्छी पहल है।
डा. एचएनएस पुंढीर, हड्डी रोग विशेषज्ञ।
सरकारी कर्मचारियों को सबसे पहले टीका लगाने का फैसला अच्छी बात है। कुछ लोग इसे स्वैच्छिक बता रहे थे। कुछ ने डराने का प्रयास किया, लेकिन मैसेज मिलते ही मैं तुरंत टीका लगवाने आ गया। उससे कोई समस्या महसूस नहीं हुई। पुन: ड्यूटी करूंगा।
धर्मेश कुमार, सफाई कर्मी
......... मैं टीकाकरण को लेकर पहले से ही उत्साहित था। सभी साथियों को यह टीका लगवाना चाहिए। यह टीका हमें ही सुरक्षा नहीं देगा, बल्कि हमारे परिवार को भी सुरक्षित रखेगा। मुझे स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी नहीं हुई।
दिनेश कुमार, धोबी
मैंने टीका लगवा लिया है। कोई परेशानी नहीं हुई। कुछ लोगों ने भ्रमित करने का प्रयास किया। मैंने उन्हें समझाया कि यह गलत है। कोरोना को खत्म करने के लिए टीका लगवाना बहुत जरूरी है। सभी टीका लगवाएं।
धर्मवीर, वार्ड ब्वाय