स्वास्थ्य विभाग करेगा मरीजों का चयन और दिलाएगा इंजेक्शन, रेमडेसिविर की कालाबाजारी पर लगेगी रोक Aligarh news
कोरोना संक्रमित मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत पड़ रही है मगर यह बाजार से गायब है। जबकि बाजार में 1800-2500 रुपये तक में आनेवाले इस इंजेक्शन को 40-50 हजार रुपये तक में बेचने की शिकायतें आईं। प्रशासन ने इसकी बिक्री में धांधली रोकने के लिए पहल की है।
अलीगढ़, जेएनएन । कोरोना संक्रमित मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत पड़ रही है, मगर यह बाजार से गायब है। जबकि, बाजार में 1800-2500 रुपये तक में आनेवाले इस इंजेक्शन को 40-50 हजार रुपये तक में बेचने की शिकायतें आईं। ऐसे में प्रशासन ने इसकी बिक्री में धांधली रोकने के लिए पहल की है। अब इंजेक्शन आने पर औषधि निरीक्षक की देखरेख में ही बंटेगा या फिर औषधि विभाग या स्वास्थ्य विभाग खुद मरीजों को चयनित कर इंजेक्शन दिलवाएगा। बुधवार को 40 इंजेक्शन आए, जो उचित मूल्य पर बंटवाए गए।
ये है हालात
बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच एंटी वायरल रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग में निरंतर इजाफा हो रहा है। मांग व उपलब्धता में काफी अंतर पैदा हो गया है। इंजेक्शन के लिए लोग दवा बाजार से लेकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। हालात ये है कि इंजेक्शन आते ही हाथों-हाथ बिक जाते हैं। इस समय रोजाना निजी अस्पतालों में भर्ती 50-60 मरीजों को रोजाना रेमडेसिविर इंजेक्शन लिखे जा रहे हैं, लेकिन उपलब्धता शून्य है।
ये की गई व्यवस्था
रेमडेसिविर के लिए मरीज के स्वजन बहुत परेशान है। स्वास्थ्य व प्रशासन ने निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्धा कराने की नई व्यवस्था शुरू की है। इससे इंजेक्शन की कालाबाजारी बंद होने की संभावना जताई जा रही है। दरअसल, प्राइवेट मरीजों को इंजेक्शन की जरूरत है तो वे अस्पताल से पर्चा लिखवाएंगे। सीएमओ खुद इस पर्चे को देखकर सत्यापन करेंगे। सीएमओ की रिपोर्ट के बाद औषधि निरीक्षक तमाम ऐसे लोगों को अपनी निगरानी में इंजेक्शन उपलब्ध कराएंगे अथवा दवा विक्रेता के पास भेज देंगे। जहां पर उचित मूल्य पर इंजेक्शन दिया जाएगा।
इनका कहना है
बुधवार को नई व्यवस्था से 40 मरीजों की जरूरत पूरी हो गई। गुरुवार को और इंजेक्शन मिल सकते हैं। इन्हें भी व्यवस्था के अनुसार जरूरतमंद मरीजों को उपलब्ध कराया जाएगा।
- हेमेंद्र चौधरी, औषधि निरीक्षक।