Cold stopped power generation: हरदुआगंज तापीय परियोजना का उत्पादन बंद, विस्तार से जानिए वजह
बेमौसम बरसात से अचानक मौसम में बदलाव आ जाने के कारण प्रदेश में बिजली की मांग लगातार गिरती जा रहीं थी जिसके कारण 250 -250 मेगावाट की आठ और नौ नंबर यूनिट को अनिश्चितकाल के लिए लखनऊ मुख्यालय के आदेश पर प्रबंधन ने बंद करा दिया है।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। कासिमपुर क्षेत्र में मौजूद पश्चिम उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी हरदुआगंज तापीय परियोजना की दोनों यूनिटों को सोमवार की रात अनिश्चितकाल के लिए थर्मल बैकिंग पर बंद करा दिया गया। फिलहाल प्रदेश में अचानक बिजली की मांग गिर जाने के चलते दोनों यूनिटों को बंद कर दिया गया है। जिस कारण परियोजना में बिजली का उत्पादन शून्य है।
लखनऊ के आदेश पर बंद हुई यूनिट
बताया जा रहा है प्रदेश में बिजली की मांग गिर कर 14 मेगावाट रह गई है। बेमौसम बरसात से अचानक मौसम में बदलाव आ जाने के कारण प्रदेश में बिजली की मांग लगातार गिरती जा रहीं थी, जिसके कारण 250 -250 मेगावाट की आठ और नौ नंबर यूनिट को अनिश्चितकाल के लिए लखनऊ मुख्यालय के आदेश पर प्रबंधन ने बंद करा दिया है। हरदुआगंज तापीय परियोजना कोयले की कमी से उभर कर पूरी क्षमता के साथ क्रमशः आठ औैर नौ नंबर यूनिट 500 मेगावाट का बिजली का उत्पादन कर रहीं थी। सोमवार की रात लखनऊ मुख्यालय के आदेश पर सिस्टम लोड डिस्पेच सेंटर (एसएलडीसी) के तहत इन दोनों यूनिटों को बंद करा दिया गया। जिसके चलते अचानक परियोजना का बिजली उत्पादन शून्य हो गया। आठ नंबर एवं नौ नंबर यूनिट पूरी क्षमता से बिजली का उत्पादन कर रहीं थी। वहीं सात नंबर यूनिट 120 मेगावाट बिजली का उत्पादन करने की क्षमता रखती है तकनीकी कमी के चलते 13 अगस्त सेे बंद पड़ी है। इस यूनिट को चलाने के लिए लखनऊ मुख्यालय से टैक्नीशियनों की टीम भी आ चुकीं है फिर भी इस यूनिट को चलाने में प्रबंधन कामयाब नहीं हो सका ।हरदुआगंज तापीय परियोजना 620 मेगावाट बिजली का उत्पादन करने की क्षमता रखती है। इस परियोजना सेे पांच जिलों को बिजली आपूर्ति दी जाती है। फिलहाल प्रदेश में अचानक बिजली की मांग गिर जाने के चलते दोनों यूनिटों को बंद कर दिया गया है।जिस कारण परियोजना में बिजली का उत्पादन शून्य है।