स्कूल खुलने पर घनघनाएगी गुरुजी व प्रधान साहब के फोन की घंटी, पूछे जाएंगे सवाल Aligarh news
कोरोना संक्रमण काल में कक्षा एक से आठ तक के सरकारी स्कूलों में अवकाश चल रहा है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर इतनी खतरनाक है कि स्कूलों के विद्यार्थियों की आनलाइन पढ़ाई भी बंद रखने के निर्देश शासन की ओर से जारी किए गए हैं।
अलीगढ़, जेएनएन । कोरोना संक्रमण काल में कक्षा एक से आठ तक के सरकारी स्कूलों में अवकाश चल रहा है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर इतनी खतरनाक है कि स्कूलों के विद्यार्थियों की आनलाइन पढ़ाई भी बंद रखने के निर्देश शासन की ओर से जारी किए गए हैं। मगर जब कोरोना संक्रमण से राहत मिलने के बाद सरकारी स्कूल खुलेंगे तो गुरुजनों व ग्राम प्रधानों के फोन की घंटी घनघनाएगी। दरअसल ये फोन काल सीधे शासनस्तर से की जाएंगी। स्कूल में गुरुजी फोन रिसीव कर शासनस्तर से किए गए कुछ सवालों के जवाब देंगे। इससे उनकी तैयारी के बारे में भी पता चलेगा और नियमित व समय से कक्षा में आने का भी दबाव रहेगा। स्कूल समय शुरू होने से छुट्टी होने के बीच में कभी भी ये काल आ सकती है।
जवाब देना शिक्षकों के लिए अनिवार्य
इस काल को रिसीव कर पूछे गए सवालों के जवाब देना शिक्षकों के लिए अनिवार्य होगा। हालांकि ये व्यवस्था 2021 में नए सत्र से ही होने वाली थी लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते व्यवस्था को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका। मगर अब स्कूल खुलने पर इस व्यवस्था को लागू करने की तैयारी की जा रही है। विद्यालय समय पर किसी भी समय शिक्षक के मोबाइल पर फोन आएगा व उनसे 10 सवाल पूछे जाएंगे। क्या आपने विभाग की ओर से जारी ध्यानाकर्षण माड्यूल पुस्तिका का अध्ययन किया है? क्या ध्यानाकर्षण माड्यूल के अनुसार अपने स्कूल में रेमेडियल क्लासेज चलाने की योजना बना ली है? प्रधानाध्यापक ब्लाक के मिशन प्रेरणा वाट्सअप ग्रुप में जुड़ गए हैं? प्रतिदिन ग्रुप पर शैक्षणिक सामग्री मिल रही है या नहीं? मिशन प्रेरणा यू-ट्यूब चैनल को सब्सक्राइब किया या नहीं? अभिभावक वाट्सअप ग्रुप पर जोड़े जा चुके हैं या नहीं? ई-पाठशाला ग्रुप पर जुड़े छात्रों व अभिभावकों की संख्या कितनी है? इस तरह के सवाल शिक्षकों से पूछे जाएंगे। इससे उनकी तैयारी के बारे में शासन को जानकारी मिलेगी। शिक्षकों की ओर से दी गई जानकारी का अधिकारी स्तर से सत्यापन भी कराया जाएगा, कि वो सही जानकारी दे रहे हैं या नहीं।
प्रधान से भी पूछे जाएंगे सवाल
इसके अलावा ग्राम प्रधान के फोन पर भी काल करके कुछ प्रश्न पूछे जाएंगे। जैसे क्या आपकी ग्राम पंचायतों के स्कूलों में वाट्सअप क्लासेज शुरू हो गईं हैं या नहीं? क्या आपने गांव के सभी बच्चों को दूरदर्शन के कार्यक्रम के बारे में जानकारी करा दी है? बीएसए डा. लक्ष्मीकांत पांडेय ने कहा कि ये सारी कवायद शिक्षण में गुणवत्ता लाने के उद्देश्य से की जाएगी। जब शिक्षक इन प्रश्नों के जवाब हां में देने वाली स्थिति बना लेंगे तो शिक्षण व शिक्षा का स्तर खुद ही बढ़ जाएगा। कोरोना काल के बाद स्कूल खुलने पर शासन के इस संबंध में जो भी आदेश आएंगे उनका पालन किया जाएगा।