अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला होता है गुरु Aligarh news

आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व 24 जुलाई को मनाया जाएगा। इस दिन चारों वेदों के रचियता सनातन धर्म के प्रथम गुरु महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। उन्हें आदि गुरु का दर्जा प्राप्त है।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 08:10 PM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 08:10 PM (IST)
अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला होता है गुरु Aligarh news
इगलास के भागवताचार्य पं. मुकेश शास्त्री ने कहा गुरु जीवन के मार्गदर्शक होते हैं।

अलीगढ़, जेएनएन । आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व 24 जुलाई को मनाया जाएगा। इस दिन चारों वेदों के रचयिता सनातन धर्म के प्रथम गुरु महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। उन्हें आदि गुरु का दर्जा प्राप्त है। इसी तिथि काे व्यासजी ने सबसे पहले अपने शिष्यों और मुनियों को शास्त्रों का ज्ञान दिया था।

गुरु जीवन के मार्गदर्शक होते हैं

इगलास के भागवताचार्य पं. मुकेश शास्त्री ने बताया कि जैसे सूर्य के ताप से तप्त भूमि को वर्षा से शीतलता एवं फसल पैदा करने की शक्ति मिलती है, वैसे ही गुरु-चरणों में उपस्थित साधकों को ज्ञान, शान्ति, भक्ति और योग शक्ति प्राप्त करने की शक्ति मिलती है। गुरु जीवन के मार्गदर्शक होते हैं, इसलिए उनको ईश्वर का दर्जा प्राप्त है। अंधकार को हटाकर प्रकाश की ओर ले जाने वाला ही गुरु है। उन्होंने बताया कि हिंदू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ पूर्णिमा तिथि 23 जुलाई, शुक्रवार सुबह 10:43 मिनट से शुरू हो रही है और 24 जुलाई को सुबह 08:06 मिनट तक मान्य होगी। उदया तिथि 24 को प्राप्त है, इसलिए गुरु पूर्णिमा 24 जुलाई को है। इसदिन भगवान विष्णु एवं बृहस्पति की भी पूजा की जाती है। इसदिन स्नान आदि से निवृत होकर गुरुजनों का आशीष लेना चाहिए।

chat bot
आपका साथी