जीएसटी पॉलिसी विंग खंगालेगी निर्यातकों की 'कुंडली' Aligarh news
फर्जी तरीके से रिफंड के दावे व भुगतान की हो रही ताबड़तोड़ घटनाओं से सजग प्रधान आयुक्त जीएसटी पॉलिसी विंग ने 50 निर्यातकों को नोटिस जारी किए हैं।
अलीगढ़ [ जेएनएन ] : 22 निर्यातकों को काली सूची में डालने के बाद अन्य निर्यातक भी केंद्रीय जीएसटी एवं उत्पादन व कस्टम विभाग के निशाने पर होंगे। फर्जी तरीके से रिफंड के दावे व भुगतान की हो रही ताबड़तोड़ घटनाओं से सजग प्रधान आयुक्त जीएसटी पॉलिसी विंग ने 50 निर्यातकों को नोटिस जारी किए हैं। इनसे कुल कमाई, रिफंड के दावे व भुगतान व निर्यात किए माल का ब्योरा मांगा है। इस तरह जांच प्रदेशभर में होगी। निर्यातकों को सीजीएसटी में दो तरह की सुविधा दी गई हंै। पहली लेटर ऑफ अंडर टैकिंग (एलयूटी) के जरिये माल का ताला-हार्डवेयर, आर्ट वेयर आदि का निर्यात होता है, जो निर्यातक सीजीएसटी चुकता कर माल की सप्लाई कर सकते हैं।
अगस्त में स्थानीय अफसरों ने नोटिस जारी
रिफंड के फर्जीवाड़े को लेकर मार्च 2019 में कस्टम विभाग की ओर से देशभर के छह हजार निर्यातक सूचीबद्ध किए गए थे। प्रदेश में 486 निर्यातकों की खरीद बिक्री व रिफंड की जांच के निर्देश मिले। जांच की जद में आए 22 निर्यातकों को अगस्त में स्थानीय अफसरों ने नोटिस जारी किए। जांच के दायरे में आए अधिकांश निर्यातकों ने 25 अगस्त 2019 तक जवाब दाखिल कर दिए। जांच के नाम पर इन्हें दौड़ाया गया। इनके रिफंड रोक दिए गए।दूसरी खेप में 50 निर्यातकों की जांच होगी। नोटिस में खरीद बिक्री, शिपिंग बिल, जीएसटी थ्री बी व इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) के दावे का निर्यातकों से 2017-18 व 2019 का ब्योरा मांगा गया है।
विभाग ने साधी चुप्पी
इन नोटिसों को लेकर विभाग ने चुप्पी साध ली है। अफसर इस प्रकार के नोटिसों के प्रति पहले भी अनभिज्ञता जता चुका था। 22 निर्यातकों को काली सूची में डालने की सूचना पर सीजीएसटी के आगरा कमिश्नर कार्यालय ने पुष्टि की थीं।
दोबारा मांगने का औचित्य समझ से परे
अलीगढ़ एक्सपोर्ट एसोसिएशन महामंत्री, दिनेशचंद्र वाष्र्णेय, कहा कि प्रधान आयुक्त जीएसटी पॉलिसी विंग के अफसरों ने नोटिस जारी किए हैं। इसमें रिफंड का दावा, कुल कारोबार आदि की जानकारी मांगी गई है। पूर्व अध्यक्ष अलीगढ़ चार्टर्ड अकाउंटेंट एसोसिएशन घनश्याम माहेश्वरी,ने बोला कि निर्यातकों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। जब जीएसटी आर थ्री बी व अन्य औपचारिकता में जानकारी दी जा रही है। दोबारा मांगने का औचित्य समझ से परे है।