भूजल सप्ताह : कागजों में मन गया भूजल सप्ताह, धुल गए कार्यक्रम Aligarh News
जल ही जीवन है। सरकार का नारा तो यही है। लेकिन अलीगढ़ जिले में अफसर इसको लेकर कतई गंभीर नहीं दिखते। अगर वह थोड़े भी गंभीर होते तो भूजल सप्ताह यूं कागजों में नहीं मना लिया जाता । सरकार के आदेशों के बाद भी पूरे कार्यक्रम नहीं हुए।
अलगीढ़, जेएनएन। जल ही जीवन है। सरकार का नारा तो यही है। लेकिन, अलीगढ़ जिले में अफसर इसको लेकर कतई गंभीर नहीं दिखते। अगर वह थोड़े भी गंभीर होते तो भूजल सप्ताह यूं कागजों में नहीं मना लिया जाता । सरकार के आदेशों के बाद भी पूरे कार्यक्रम नहीं हुए। अफसरों ने महज गोष्ठी व बैठक करके ही अपनी जिम्मेदारियों से इतिश्री कर ली है। न तो पोस्टर प्रतियोगिता हुई और ही होडिंग पोस्टर लगाए गए। जागरुकता के लिए भी कोई कार्यक्रम तक नहीं हुआ।
यह थे भूजल सप्ताह मनाने के निर्देश
हर साल 16 से 22 जुलाई तक भूजल सप्ताह मनाया जाता है। इस बार भी शासन से इसी हिसाब से कार्यक्रम तय किए गए थे। इसमें निर्देष दिए गए कि 16 जुलाई को भूगर्भ जल विभाग द्वारा मुख्य सरकारी भवनों कलक्ट्रेट, विकास भवनए, तहसील एवं विकास खंड मुख्यालयों पर पोस्टर, होर्डिग, बैनर के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाएगा। 17 जुलाई को प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी द्वारा वृहद पौधरोपण कार्यक्रम होगा। एसडीएम व बीडीओ भी मुख्यालयों पर भूजल गोष्ठी का आयोजन करेंगे। जिला विज्ञान क्लब एवं नेहरू युवा केन्द्र द्वारा कठपुतली, नुक्कड़ नाटक कार्यक्रम किये जाएंगे। 18 जुलाई को कृषि विभाग द्वारा ब्लाक स्तर पर जागरूक किसानों एवं ग्राम प्रधानों के साथ स्प्रिंकलर,ड्रिप सिंचाई एवं भूगर्भ जल के विवेकपूर्ण उपयोग के संबंध में गोष्ठी का आयोजन होाग। 19 जुलाई को माध्यमिक विद्यालयों में जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा, 20 जुलाई को प्राइमरी विद्यालयों में बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा तथा महाविद्यालयों में जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा भूजल संरक्षण पर भाषण, चित्रकला, स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिता का आयोजन कराया जाएगा। वहीं, अंत में डीएम की अध्यक्षता में बैठक में समापन होगा, लेकिन अफसरों ने इसे कागजों में सिमटा दिया। महज सीडीओ की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस विषय पर विचार रखकर कार्य की इतिश्री कर ली। न तो जिले में पोस्टर प्रतियोगिता हुई और न ही भाषण के कार्यक्रम। अनाटक भी महज कागजों में होकर रह गए। कई विभागों ने लीपापोती कर अपनी-अपनी जिम्मेदारी निभा ली।
नहीं होता कोई बजट : विभागीय अफसरों का कहना है भूजल सप्ताह के लिए शासन से कोई बजट नहीं आता है। सभी विभागों केा अपने विभागीय बजट से ही कार्यक्रम कराने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है।
कई विभागों को अलग-अलग कार्यक्रमों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। अगर किसी विभाग ने कार्यक्रम नहीं किया है तो यह उनकी गलती है। हम सभी से रिपोर्ट तलब कर पूरी रिपोर्ट बनाकर सीडीओ को सौंपेंगे।
वीएस सुमन, सहायक अभियंता, लघु सिंचाई