बेकार जमीन पर आएगी हरियाली किसान बनेंगे सम्‍पन्‍न Aligarh news

ऐसे में भूमि के उन हिस्सों को कृषि योग्य बनाने की जरूरत है जो उपजाऊ तो हैं मगर किसानों ने बीहड़ बंजर समझकर छोड़ दिया है।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Publish:Mon, 01 Jun 2020 10:17 AM (IST) Updated:Mon, 01 Jun 2020 04:01 PM (IST)
बेकार जमीन पर आएगी हरियाली किसान बनेंगे सम्‍पन्‍न Aligarh news
बेकार जमीन पर आएगी हरियाली किसान बनेंगे सम्‍पन्‍न Aligarh news

लोकेश शर्मा, अलीगढ़ : उपजाऊ भूमि का दायरा सिकुड़ रहा है। यही परिस्थितियां रहीं तो आबादी के अनुपात में अनाज का उत्पादन मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में भूमि के उन हिस्सों को कृषि योग्य बनाने की जरूरत है, जो उपजाऊ तो हैं मगर किसानों ने बीहड़, बंजर समझकर छोड़ दिया है। अलीगढ़ में ऐसी 1165 हेक्टेयर भूमि चिह्नित की गई थी, इसमें 815 हेक्टेयर भूमि को कृषि योग्य बना दिया गया। 350 हेक्टेयर भूमि को सुधारने की कवायद चल रही है। इससे भूमि की उपयोगिता बढ़ेगी। लॉकडाउन में गांव लौटे लोग खेतीबाड़ी कर सकेंगे। 

यह है हालात

जिले में 303911 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है, जिसमें खरीफ, रबी व जायद की फसल होती है। इगलास, गंगीरी, लोधा, बिजौली क्षेत्रों में करीब छह हजार हेक्टेयर भूमि ऐसी है, जिसे किसानों ने ऊबड़-खाबड़ व जल जमाव के चलते छोड़ दिया था। इस भूमि को सुधारने, संवारने की कवायद अब तेज हो गई है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना के तहत भूमि संरक्षण विभाग ने 1165 हेक्टेयर भूमि चिह्नित कर सुधार शुरू किया था। गांव नवां नगर, मानपुर, भौरा, गौरवा, शहरी मदनगढ़ी, कलंजरी, गढ़ी धन, मोहकमपुर, हरौथा, अमरपुर नेहरा, गंगीरी, बिजौली में 815 हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य हो चुकी है। 350 हेक्टेयर भूमि पर सुधार का काम चल रहा है। 200 हेक्टेयर और का लक्ष्य मिला है। इसके लिए बजट नहीं मिला है। बजट मिलते ही काम शुरू हो जाएगा। 

बढ़ेंगे साधन तो सुधरेंगे हालात

लॉकडाउन में काम धंधे बंद होने से लोग गांव लौट रहे हैं। इनके लौटने से परिवार बढ़ गया और खर्चा भी। खेती का दायरा उतना ही है। परती भूमि को सुधार कर दायरा बढ़ाया जा सकता है। भूमि संरक्षण अधिकारी निधि राठौर बताती हैं कि कई किसानों ने भूमि को बेकार समझकर ऐसे ही छोड़ दिया था, जब सुधार कर भूमि को कृषि योग्य बनाया तो परिवार के अन्य लोग खेती से जुड़ गए। 

 मेरी 18 बीघा भूमि बेकार पड़ी थी, जिसे सरकार ने सही करा दिया है। अब उस पर खेती हो रही है।

विशन स्वरूप, इगलास 

2854 हेक्टेयर भूमि की गई थी उपजाऊ

2012 में उत्तर प्रदेश सोडिक लैंड रिक्लेमेशन परियोजना के तहत जिले के 28 गांवों में रिमोट सेंसेज तकनीक के जरिये सैटेलाइट मैपिंग से 2854.877 हेक्टेयर बंजर भूमि चिह्नित कर उपजाऊ बनाने की कवायद शुरू हुई थी। 2018 में भूमि सुधार निगम की मदद से 8400 किसानों की ये बंजर भूमि उपजाऊ हो सकी। परियोजना खत्म होने के बाद सरकार ने हाथ खींच लिए, फिर कोई योजना नहीं आई। 

कम उपजाऊ व बंजर भूमि को सुधार कर उपजाऊ बनाना जरूरी हो गया है। भविष्य में यही भूमि किसानों के लिए संजीवनी बनेगी।

डॉ. वीके सचान, उपनिदेशक (कृषि शोध)

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