अलीगढ़ के टप्पल में दादी-दादी ने किया था बच्ची का कत्ल, ऐसे कबूला जुर्म

दो साल पहले गांव के एक व्यक्ति ने बच्ची के चाचा पर छेड़छाड़ व दुष्कर्म का मुकदमा कराया था। उस मामले में वादी को फंसाने और आसानी से फैसले करवाने के लिए दादा-दादी ने बच्ची ने बच्ची की बलि चढ़ा दी।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 03:52 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 03:52 PM (IST)
अलीगढ़ के टप्पल में दादी-दादी ने किया था बच्ची का कत्ल, ऐसे कबूला जुर्म
टप्पल थाना क्षेत्र के एक गांव में आठ साल की बच्ची की हत्या उसी के दादा-दादी ने की थी।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। टप्पल थाना क्षेत्र के एक गांव में आठ साल की बच्ची की हत्या का शुक्रवार को पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया। बच्ची की हत्या उसी के दादा-दादी ने की थी। दोनों ने लंबी पूछताछ के बाद जुर्म कबूला। दरअसल, दो साल पहले गांव के एक व्यक्ति ने बच्ची के चाचा पर छेड़छाड़ व दुष्कर्म का मुकदमा कराया था। उस मामले में वादी को फंसाने और आसानी से फैसले करवाने के लिए दादा-दादी ने बच्ची ने बच्ची की बलि चढ़ा दी। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है।

यह है मामला

एसपी देहात शुभम पटेल ने बताया कि टप्पल से करीब पांच किलोमीटर दूर स्थित एक गांव में नौकरीपेशा युवक की आठ वर्षीय बेटी की गला दबाकर हत्या कर दी गई थी। सोमवार सुबह करीब आठ बजे स्कूल के लिए निकली थी। उसका शव घर से एक किलोमीटर दूर खेत में औंधे मुंह पड़ा मिला था। बच्ची के शव को सबसे पहले उसकी दादी ने देखा था। बताया कि पशुअों के लिए चारा लेने के लिए जाते वक्त रास्ते में जामुन के पेड़ के नीचे बच्ची का स्कूल बैग व चप्पल पड़ी मिलीं थीं। ग्रामीणों की मदद से तलाश शुरू की गई तो शव खेत में पड़ा मिला। पुलिस ने दो दिन तक गांव के सौ से ज्यादा लोगों व बच्ची के स्कूल में जाकर पूछताछ की। इसमें कई लोगों ने बच्ची के दादा लेखराज व दादी संपत को घटना के वक्त खेत पर जाते देखा था।

ऐसे जुर्म कबूला

पुलिस ने दादा-दादी से पूछताछ की तो दोनों के बयानों में अंतर था। बस, यहीं से पुलिस का माथा सनक गया। दोनों ने लंबी पूछताछ की गई, जिसके बाद शुक्रवार को जुर्म कबूल लिया। एसपी देहात शुभम पटेल ने बताया कि लेखराज के बेटे यानी बच्ची के चाचा ओमप्रकाश के खिलाफ गांव के एक युवक ने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था, जो कोर्ट में विचाराधीन है। वादी पक्ष मामले में फैसले का दबाव बना रहा था। ऐसे में दादा दादी ने बच्ची की हत्या कर दी, ताकि वादी मुकदमे में फंस जाए और जेल चला जाए, जिससे कि मुकदमे में आसानी से फैसला हो सके।

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