अलीगढ़ के डीएस कॉलेज ऑफ फार्मेसी के भवन का वर्चुअल लोकार्पण करेंगी राज्यपाल

डीएस कॉलेज में बनवाए गए तीन मंजिला धर्मसमाज कॉलेज ऑफ फार्मेसी भवन का वर्चुअल लोकार्पण राज्यपाल आनंदीबेन पटेल करेंगी। 26 अक्टूबर को सुबह 11 से 12 बजे के बीच कार्यक्रम होगा। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के कुलपति प्रो. अशोक मित्तल विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद रहेंगे।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 12:56 PM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 12:56 PM (IST)
अलीगढ़ के डीएस कॉलेज ऑफ फार्मेसी के भवन का वर्चुअल लोकार्पण करेंगी राज्यपाल
तीन मंजिला बना है धर्मसमाज कॉलेज ऑफ फार्मेसी भवन।

जेएनएन, अलीगढ़।  डीएस कॉलेज में बनवाए गए तीन मंजिला धर्मसमाज कॉलेज ऑफ फार्मेसी भवन का वर्चुअल लोकार्पण राज्यपाल आनंदीबेन पटेल करेंगी। 26 अक्टूबर को सुबह 11 से 12 बजे के बीच कार्यक्रम होगा। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के कुलपति प्रो. अशोक मित्तल विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद रहेंगे। यह जानकारी सोसायटी पदाधिकारियों ने दी। प्राचार्य डॉ. हेमप्रकाश ने बताया कि फॉर्मेसी काउंसिल नई दिल्ली की ओर से डी.फार्मा और बी.फॉर्मा की 60-60 सीटें आवंटित की गई हैं। जिन पर प्रवेश की कार्यवाही चल रही है। सचिव राजीव अग्रवाल अनु ने बताया कि रिटेल मैनेजमेेंट, हेल्थ केयर, एडवरटाइजिंग, सेल्स प्रमोशन एंड सेल्स मैनेजमेंट व इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी कोर्सेज यूजीसी की ओर से स्वीकृत किए गए हैं। इनकी मान्यता विश्वविद्याललय से मिल गई है। चारों कोर्स नए सत्र से शुरू कर दिए जाएंगे। अध्यक्ष महेश नंदन अग्रवाल, संजय गोयल, ललित अग्रवाल, डॉ. लाल रत्नाकर सिंह, डॉ. बीना अग्रवाल, डॉ. सुनीता गुप्ता, गिरीश गोविल व डॉ. नीलम श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।

किताबों से रावण बनाने पर बीएसए ने मांगी रिपोर्ट

 पिछले साल हाथरस में दशहरे पर किए रावण दहन की आग अलीगढ़ तक पहुंची थी। ये आग भी भी ठंडी नहीं हो सकी है। हाथरस में बनाए गए रावण के पुतले में सरकारी स्कूलों की किताबों के पन्ने लगाए गए थे। ये किताबें अलीगढ़ से कबाड़ की दुकान से खरीदी गई थीं। इसकी जांच बीईओ मुख्यालय आलोक श्रीवास्तव को सौंपी गई थी। शुरुआत में 15 दिन में रिपोर्ट पेश करने की बात कही गई। इसके बाद कबाड़ वाले के बयान दर्ज करने की बात जांच अधिकारियों की ओर से की गई। लगभग एक साल बीतने के बाद भी इस प्रकरण में कोई निष्कर्ष निकलकर सामने नहीं आया है। अब बीएसए ने संबंधित जांच अधिकारी से इस संबंध में फाइनल रिपोर्ट मांगी है। तीन से पांच दिन के अंदर लिखित में रिपोर्ट पेश की जाएगी।

बेसिक शिक्षा विभाग की जो किताबें रावण बनाने में लगाई गई थीं, वो  2019 चालू वर्ष की किताबें थीं। इससे ये साफ हो रहा था कि बच्चों को किताबें न मुहैया होकर उनको कबाड़ में बेच दिया गया। विभागीय सूत्रों का कहना है कि हर बीआरसी पर पिछली किताबों की संख्या निकाली जाए तो सारा प्रकरण खुल जाएगा। बीएसए डॉ. लक्ष्मीकांत पांडेय ने बताया कोरोना काल में मार्च से चीजें ठप पड़ गई थीं। मगर अब जांच टीम से इस मामले में तत्काल रिपोर्ट मांगी गई है। कहा कि, जब अलीगढ़ की वो कबाड़ दुकान चिह्नित हो गई, तो दोषियों तक भी जल्द पहुंचा जाएगा। तथ्यों व जांच रिपोर्ट के आधार पर जिस स्तर से कमी पाई जाएगी, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

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