गुरु की भूमिका में दिखीं राज्यपाल, समाज को बदलने का पढ़ाया पाठ Aligarh News

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल कम समय में अधिक से अधिक लोगों से मुलाकात को कोशिश में रहीं। सर्किट हाउस पर समाज सेवियों बुद्धियों प्रगतिशील किसानों और महिलाओं से मुखातिब हुई तो गुरू की भूमिका में नजर आईं। कुछ बातें तो काफी प्रभावित करने वाली रहीं।

By Sandeep kumar SaxenaEdited By: Publish:Thu, 14 Jan 2021 09:02 AM (IST) Updated:Thu, 14 Jan 2021 09:02 AM (IST)
गुरु की भूमिका में दिखीं राज्यपाल, समाज को बदलने का पढ़ाया पाठ Aligarh News
राज्यपाल कम समय में अधिक से अधिक लोगों से मुलाकात को कोशिश में रहीं।
अलीगढ़,सुरजीत पुंढीर। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल कम समय में अधिक से अधिक लोगों से मुलाकात को कोशिश में रहीं। सर्किट हाउस पर समाज सेवियों, बुद्धियों, प्रगतिशील किसानों और महिलाओं से मुखातिब हुई तो गुरू की भूमिका में नजर आईं। करीब तीन घंटे तक समाज और देश के लिए कुछ करने की नसीहत के साथ उन्होंने बदलाव का पाठ पढ़ाया। यह मुलाकात दो चरणों में थी। पहले चरण में करीब एक घंटे महिलाएं व अफसरों से बातचीत की तो दूसरे चरण में करीब दो घंटे किसान, समाज सेवियों और बुद्धिजीवियों से बात की। इस संवाद में सभी ने अपने अनुभव साझा किए। कुछ बातें तो काफी प्रभावित करने वाली रहीं। 
पाठ-1 
फिजूलखर्ची से बचें, बंद करें दहेज  
राज्यपाल ने महिलाओं से संवाद के दौरान फिजूलखर्ची से बचने और दहेज पूरी तरह बंद करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण परिवेश से जुड़ी महिलाएं स्वयं सहायता समूह से जुड़कर आॢथक रूप से सबल, सशक्त और स्वावलंबी बनें। किसी भी स्तर पर खुद को कमजोर न समझें। महिलाएं सशक्त होंगी, तभी देश सशक्त बनेगा। राष्ट्र की उन्नति एवं तरक्की के लिए महिलाओं को विभिन्न क्रियाकलापों के माध्यम से अपनी आय में वृद्धि करनी होगी। बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दें। संकल्प लें कि अब हमें गरीबी से बाहर निकलना है। बेटे और बेटियों में कोई भेद नहीं है। दोनों को अच्छी शिक्षा दिलाएं। बेटियों अब बेटों से एक कदम आगे हैं। समूहों की महिलाओं ने बताया कि वह जिले में कुल 62 प्रकार की गतिविधियों का संचालन रही हैं। 
पाठ-2 
समाज को बदलने का समय, युवाओं की प्रमुख भूमिका 
राज्यपाल ने गैर सामाजिक संगठनों के संचालकों व टीबी ग्रस्त बच्चों को गोद लेने वाले लोगों के साथ बैठक कर समाज को आगे बढ़ाने का पाठ पढ़ाया। कहा, कोई भी अकेला व्यक्ति समाज में बदलाव नहीं कर सकता। यह समय सामाजिक बदलाव लाने का है।  समाज में फैली विभिन्न कुरीतियों को समाप्त करने के लिए प्रयास करना चाहिए।  बाल विवाह को रोकना हर व्यक्ति का कर्तव्य है। प्रदेश सरकार सामूहिक विवाह का आयोजन प्रत्येक जिले कर रही है। ऐसे आयोजनों में बढ़-चढ़कर भाग लें।
पाठ -3 
आधुनिक तकनीकि का करें प्रयोग, जैविक खेती को दें बढ़ावा 
 राज्यपाल ने किसानों को आय बढ़ाने के गुरु सिखाए। कहा, किसान समय के साथ बदलाव लाएं। आधुनिक तकनीकि का अधिक से अधिक प्रयोग करें। इससे उत्पादन बढ़ेगा। जैविक खेती अपनाएं। अगर कोई किसान गन्ना की खेती कर रहा है तो खेत के बीच खाली जगह में भी कोई और फसल की जा सकती है। इससे आय बढ़ेगी। खेती किसानी के साथ पशुपालन भी करें। इससे भी काफी फायदा मिलेगा। नई-नई खेती करें। नए कृषि कानून का अधिक से अधिक लाभ उठाएं। यह किसान हित में है।
पाठ : 4 
कभी हिम्मत न हारें 
राज्यपाल ने अपनी बैठकों में गुजरात मॉडल के सबसे अधिक उदाहरण दिए। उन्होंने अपने जीवन के कई अनुभव  साझा किए। कहा, वह एमएससी में अकेली छात्रा थीं। कई बार उन्हेंं अच्छा महसूस नहीं होता था, लेकिन उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी। अपने परिवार में ही एक बाल विवाह रोका। परिवार के लोग भी इससे नाराज थे, लेकिन अगर कोई गलत काम हो रहा है तो आपको विरोध करना चाहिए। अच्छे कार्यों में हमेशा आगे बढ़कर हिस्सा लेना चाहिए।
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