हमारी जमीन छीनने का काम कर रही है सरकार : राकेश टिकैत Aligarh news

उन्‍होंने कहा कि आपकी जमीन छीनने का प्लान बन चुका है हमारे वृद्ध हमारे नाम जमीन नहीं कर सकते हैं। यह सरकार हमारी जमीन छीनने की पूर्ण तैयारी कर चुकी है। तीन कानून किसानों का उत्थान करने की बात की गई लेकिन गोदाम पहले बन गए।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Sat, 03 Apr 2021 05:49 PM (IST) Updated:Sat, 03 Apr 2021 05:49 PM (IST)
हमारी जमीन छीनने का काम कर रही है सरकार : राकेश टिकैत    Aligarh news
किसान महापंचायत को संबोधित करते राकेश टिकैत।

अलीगढ़, जेएनएन : कृषि कानूनों के विरोध में लगसमा खाप के पवित्र स्थल भ्यामल खेड़ा मंदिर प्रांगण में शनिवार को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत केंद्र सरकार के खिलाफ रैली को संबोधित 

किया।

किसानों की जमीन छीनने का प्‍लान तैयार

उन्‍होंने कहा कि आपकी जमीन छीनने का प्लान बन चुका है, हमारे वृद्ध हमारे नाम जमीन नहीं कर सकते हैं। यह सरकार हमारी जमीन छीनने की पूर्ण तैयारी कर चुकी है। तीन कानून किसानों का उत्थान करने की बात की गई, लेकिन गोदाम पहले बन गए। पूंजीपति पीएमओ में घुस गए हैं, 2021 आंदोलन का वर्ष है, ऐसे में आंदोलन करना ही होगा। किसानों को एमएसपी पर कानून बना दी, किसान का माल खराब बताकर कम कीमत पर खरीद कर व्यापारी एमएसपी पर बिक्री कर मुनाफा कमा रहे हैं। साप्ताहिक बाजार खत्म करने की योजना है, किसान सांड को काबू कर सकता है, उसके खेत जोतता है जब सांड उधम करता है तो उसकी नाक में नाथ डालता है, उसमें ही उसकी रेस ब्रेक सब होती हैं। ऐसे ही सरकार का किसान इलाज करना जानता है कल अलवर में हम पर हमला कराया काले झंडे दिखाए हम खुद शनि हैं, हमें सख्त आंदोलन चलाने होंगे, सरकार सर्दियों में चली गयी, अब सर्दियों में ही मिलेगी। किसानों का अनाज गोदामों में भरा जा रहा है, एक कानून बीज का आ रहा है, बीज के थाने खुलेंगे। किसी दूसरी कंपनी का बीज आपने अपने खेत मे डाल दिया तो मुकदमा लिखा जाएगा और सजा होगी। यह कानून इस लिए लाए गए हैं कि किसान अपने खेतों को छोड़ कर भागे ओर यह कब्जा कर ले उन्होंने कहा कि अलीगढ़ के गौंडा को चौधरी साहब मिनी छपरौली कहते थे।

129 दिन से चल रहा धरना

भाकियू नेता चौधरी युद्धवीर सिंह ने कहा कि दिल्ली में जो अंदर घुसने के छह जो मुख्य रास्ते है 129 दिन से किसान उन रस्तो पर धरना लगा कर बैठे है, उनको शौक नही है वहांं बैठने का। वे आपके भाई हैं, किसान सभी के घर मे काम भी है, लेकिन लड़ाई बहुत बड़ी है। वजूद की लड़ाई है, अगर हमारी खेती पर ही डाका पड़ गया तो हम किसान ही किस बात के रहेंगे । जमीन को बचाने के लिए वो लाखो व्यक्ति वहा पर बैठे हुए हैं दिल्ली में किसान भाइयों के करीब 25 हजार ट्रैक्टर आज भी दिल्ली में खड़े हैं। 1937 में चौधरी चरण सिंह ने मंडी एक्ट बनाया था। चौधरी चरण सिंह इस समय मंडी एक्ट को उत्तर प्रदेश में पास नही कर पाए थे। सबसे पहले 1938 में मंडी एक्ट को पंजाब में लागू किया गया था, इसका ड्राफ्ट चौधरी चरण सिंह ने बनाया था,  जो चौधरी चरण सिंह व सर छोटू राम के कानून पर हाथ डालता है तो वो किसान का हितैषी हो ही नहीं सकता। इस कानून के बाद 1 आदमी ने मंडी बनाई, हरदास जिले में किसान का धान खरीदा दो सौ करोड़ का धान लेकर भाग गया। पूर्वजों ने दुश्मनो, अकालों से मुकाबला करके इस जमीन को नही जाने दिया इस लिए आप इस जमीन के मालिक है पूर्वजो की गोपानीय है ये जमीन आप इस जमीन के मालिक नहीं इस जमीन  रखवाले है ये आपके पूर्वजो ने आपको दी आप इसके संरक्षक है । 

किसानों ने भेंट किए हल

इस दौरान किसानों ने उन्हें मंच पर हल भेंट किया। किसान महापंचायत की अध्यक्षता कामरेड राज सिंह ने किया व संचालन धर्मवीर सिंह ने किया । इस महापंचायत में मुख्य रूप से अनिल चौधरी, रविकरन सिंह,केवल सिंह, अशोक फौजदार, जगराम सिंह,दानवीर सिंह, रामवीर सिंह, हरपाल सिंह, गौरव कुमार, अनिल कुमार, सोनिया सिंह, रामप्रकाश सिंह आदि हजारो की संख्या में किसान मौजूद थे।

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