कोविड वार्ड में इलाज मिल रहा लेकिन मरीज असहाय, किससे लगाएं गुहार? Aligarh news
दीनदयाल कोविड अस्पताल में मरीजों को उपचार भले ही मिल रहा हो मगर अत्याधिक बीमार बुजुर्ग व असहाय मरीजों की देखभाल नहीं हो पा रही। कोविड वार्ड में मरीजों की मदद के लिए मात्र एक-एक वार्ड में ब्वाय व स्वीपर की नियुक्ति की गई है।
अलीगढ़, जेएनएन । दीनदयाल कोविड अस्पताल में मरीजों को उपचार भले ही मिल रहा हो, मगर अत्याधिक बीमार, बुजुर्ग व असहाय मरीजों की देखभाल नहीं हो पा रही। कोविड वार्ड में मरीजों की मदद के लिए मात्र एक-एक वार्ड में ब्वाय व स्वीपर की नियुक्ति की गई है। ऐसे में शौचालय जाना हो या अन्य कोई काम, मरीजों को काफी इंतजार करना पड़ता है। कई मामले तो ऐसे आए हैं, जिनमें मरीजों ने उठ न पाने के कारण बेड पर ही पेशाब व शौच तक कर दी। जबकि, बाहर मरीजों के घरवाले उन्हें लेकर चिंतित बैठे रहते हैं। अफसोस, शिकायत के बाद भी इस दिशा में कोई सुधार नहीं हो रहा।
गंभीर मरीजों का इलाज
दीनदयाल कोविड अस्पताल को लेवल-टू का दर्जा दिया गया है। ऐसे में यहां ज्यादातर गंभीर मरीज ही भर्ती किए जा रहे हैं। काफी मरीज तो ऐसे हैं, जो मोबाइल पर स्वजन से बात नहीं कर सकते। ऐसे मरीज जो आक्सीजन पर हैं। बुजुर्ग होने के अलावा अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त होने के कारण चल-फिर नहीं सकते। खाना तक नहीं खा सकते। उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। ऐसे में काफी लोग तो अपने मरीज एकतरफा डिस्चार्ज तक करा चुके हैं। अस्पताल का डिस्चार्ज रजिस्टर चेक किया जाए तो रोजाना ही ऐसे मामले देखने को मिलेंगे।
कर्मचारी नहीं करते देखभाल
स्वजन का कहना है कि असहाय मरीजों की सेवा कोई कर्मचारी नहीं कर सकता है, क्योंकि ज्यादातर क्रमियों में सेवाभावना का अभाव दिखता है। मरीज कराहते हुए इशारे से कर्मचारी को बुलाते रहते हैं, मगर वे कहीं न कहीं व्यस्त रहते हैं। इससे काफी मरीजों को अपना पेशाब तक रोककर रखना पड़ता है। ऐसा इलाज किसी यातना से कम नहीं है। स्वजन के अनुसार गंभीर मरीजों से भी उन्हें मिलने नहीं दिया जाता और खुद भी उनकी देखभाल नहीं हो रही। पहले देखभाल की उचित व्यवस्था की जाए, उसके बाद ही स्वजन को कोविड वार्ड में जाने से रोका जाए। ऐसा कोई नियम नहीं है, जिसमें गंभीर व असहाय मरीज के स्वजन को मिलने नहीं दिया जाए। कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए स्वजन को मरीज से मिलवाने की व्यवस्था की जा सकती है।
इनका कहना है
अस्पताल प्रबंधन से मरीजों की देखभाल के बारे में जानकारी ली जाएगी। यदि कोई समस्या है तो उसका समाधान कराया जाएगा। ऐसे मरीजों के लिए पर्याप्त स्टाफ नहीं तो उसकी नियुक्ति कराआई जाएगी।
- डा. बीपीएस कल्याणी, सीएमओ।