बाजार में खरीदारी के लिए संभलकर निकले, जानिए क्यों Aligarh News
10 दिन बाद मंगलवार को बाजार किराना बाजार महावीरगंज पन्नागंज सुबह सात से 11 बजे तक खुलेंगे। इस दौरान बाजारों में खरीदारी के लिए भीड़ उमड़ेगी। लोगों को बेहद सर्तकता की जरुरत है। बेहतर होगा मास्क लगाकर आए।
अलीगढ़, जेएनएन। 10 दिन बाद मंगलवार को बाजार किराना बाजार महावीरगंज, पन्नागंज सुबह सात से 11 बजे तक खुलेंगे। इस दौरान बाजारों में खरीदारी के लिए भीड़ उमड़ेगी। लोगों को बेहद सर्तकता की जरुरत है। बेहतर होगा मास्क लगाकर आए। उचित दूरी बनाने के लिए कम से कम ग्राहक की बाजार पहुंचे। महावीरगंज खाद्यान व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजकुमार गुप्ता ने कहा कि 14 मई को ईद-उल- फितर होने के चलते मुस्लिम ग्राहक खरीदारी के लिए आएंगे। बेहतर होगा कि अन्य समुदाय के ग्राहक बाजार में न आए। खरीदारी के लिए धैर्य रखें। योगी सरकार ने ईद को देखते हुए किराना की दुकानें खोलने की अनुमति दी हैं। इसके लिए पांबदियों की फेहरिस्त भी जारी की है।
दूसरे जिलाें से भी आते हैं खरीददार
किसी भी दुकान पर कोई भी ग्राहक बिना मास्क लगाए खरीदारी नहीं कर सकता है। अगर दुकानदार या उनका कर्मचारी बिना मास्क लगाए बिक्री करते हुए पाया गया तो उसका चालान करने के अधिकार क्षेत्रीय दारोगा के हैं।महावीरगंज दाल मंडी में थोक दाला, चीनी, बेसन, आटा,सूजी, मैदा, खाद्य तेल व अन्य की दुकानें हैं। साथ ही पास में गुड की मंडी के निकट पन्नागंज में मिर्च, धनिया, हल्दी व अन्य मसालों की दुकानें हैं। अलीगढ़ जिले के साथ बबराला, बेहजोई, बुलंदशहर, एटा सहित अन्य जिलों के फुटकर व्यापारी भी खरीदारी के लिए महावीरगंज व पन्नागंज में आते हैं।
भीड़ का उमड़ना स्वभाविक
पहली मई से जनता कर्फ्यू का पार्ट पहला शुरू हुआ है। महानगर के प्रमुख बाजार भले ही बंद रहे हों, मगर गली व मोहल्लाें की किराना व प्रोवीजन स्टोर्स पर चोरी छिपे खाद्य सामग्री खूब बिकी। इनका स्टाक भी खत्म होने के कगार पर हैं। जब यह थोक बाजार खुलेंगे व शहर की किराना दुकानें खुलेंगी तो भीड़ उमड़ना स्वाभाविक है। इसमें आप अपना ही वचाव कर सकते हैं। बिना मास्क के बाजारों में कतई न जाएं। खरीदारी पूरे धैर्य के साथ करें। पास में कोई खाड़ा होने की कोशिश करता है, या बिना मास्क लगाए दिखता है, उसे सहजता के साथ जरुर टोकें। जिरह न करते हुए मास्क की उपयोगिता बाताएं। उसे अहसास कराएं, कि उसकी जिंदगी उसके स्वजनों के लिए कितनी जरुरी है। जिंदगी का मोल व इस समय चरमराई हुई स्वस्थ्य सेवाओं पर सचेत भी करें।