गौमत के तालाब को फिर से मिला जीवन, दूरी होगा जलसंकट Aligarh news

तालाबों के सिकुडऩे से गहराते भूजल संकट का हल ग्रामीणों को तालाब में नजर आ रहा है। यही वजह है कि खैर क्षेत्र के गांव गौमत के अस्तित्व खो चुके तालाब का फिर से संवारा गया। गांव के लोगों ने 150 साल पुराने इस तालाब को नव जीवन दिया है।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 10:11 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 10:21 AM (IST)
गौमत के तालाब को फिर से मिला जीवन, दूरी होगा जलसंकट Aligarh news
गांव के लोगों ने 150 साल पुराने इस तालाब को नव जीवन दिया है।

अलीगढ़, जेएनएन । तालाबों के सिकुडऩे से गहराते भूजल संकट का हल ग्रामीणों को तालाब में नजर आ रहा है। यही वजह है कि खैर क्षेत्र के गांव गौमत के अस्तित्व खो चुके तालाब का फिर से संवारा गया है। गांव के लोगों ने 150 साल पुराने इस तालाब को नव जीवन दिया है। करीब एक साल की मेहनत अब रंग लाई है। तालाब का स्वरूप बदल चुका है। उसके आसपास की सफाई और देखरेख की जिम्मेदारी गांव के लोग ही निभा रहे हैैं।

दस साल पहले रहता था पर्याप्‍त पानी

गांव गौमत में घुसते ही करीब चार बीघा क्षेत्र में यह तालाब, धर्मशाला और भगवान बलदाऊ जी का मंदिर है। इसके चलते ही तालाब धाॢमक आस्था से जुड़ा है। करीब 10 साल पहले तक इसमें पर्याप्त पानी रहता था, लेकिन देखरेख के अभाव में तालाब का स्वरूप बिगड़ता गया। स्त्रोत बंद होने के चलते गांव का पानी तालाब में आना बंद हो गया। पानी का और कोई साधन था नहीं। परिणाम यह रहा था तालाब में काफी कम पानी रह गया और वह भी गंदा। पानी की बढ़ती समस्या से चिंतित गांव के लोगों ने 2019 में इस तालाब की सुध ली। मंदिर में ही बैठक की और तालाब के जीर्णोद्धार पर सहमति बनी। उसी साल लखनऊ सचिवालय कार्यरत संजीव मित्तल गांव आए। वे मूलरूप से इसी गांव के हैैं। गांव के लोगों ने तालाब के सुंदरीकरण की मांग रखी। संजीव मित्तल के प्रयासों से पर्यटन विभाग ने तालाब के जीर्णोद्धार के लिए बजट मंजूर किया। गांव के लोगों ने श्रमदान किया। तालाब की चारदीवारी कराई गई है। चारों ओर पौधे लगाए गए। तालाब की सफाई और गांव का पानी आने के रास्ते साफ कराए गए है। इसके अलावा सबमर्ससिब लगवाया गया है। गांव के लोग आसपास नियमित सफाई करते हैैं। यहां अब सुबह -शाम लोग घूमते हैैं।

इनका कहना है

यदि जल व्यर्थ बहेगा तो आने वाले समय में पानी की कमी की समस्या बन जाएगी। समझदारी से जल का उपयोग करने, तालाब के अस्तित्व को बनाए रखने की जरूरत है। यह तभी संभव है जब हम जागरूक होंगे और तालाब का महत्व समझें।

-ओमप्रकाश ओमी, प्रधान

बारिश के जल को कुएं और तालाब बनाकर संरक्षित किया जा सकता है। गंदा व प्रदूषित जल बीमारियों को बढ़ावा देता है। ऐसे में तालाबों को न केवल जीवंत रखने की जरूरत है बल्कि उसे प्रदूषण से बचाने की आवश्यकता है।

-ओपी मित्तल सेवानिवृत्त अध्यापक

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