Corona's side effects : बाजार में महंगाई की मार से 'खट्टे' हो रहे फल Aligarh news
आम गृहणियों का बजट भी फल बिगाड़ रहे हैं। नवरात्र रमजान के त्योहारों में फल की मांग भी बढ़ी है और कोविड-19 संक्रमण बढ़ने से माल की आवक भी घटी है। जिसके चलते फलों के दाम पिछले एक महीने में लगभग दोगुने तक पहुंच गए हैं।
गौरव दुबे, अलीगढ़ । फलों की बात हो तो मिठास की कल्पना खुद-ब-खुद जेहन में आ ही जाती है। मगर तीन तरफा मार से बाजार में फलों का स्वाद महंगाई ने खट्टा कर दिया है। आम गृहणियों का बजट भी फल बिगाड़ रहे हैं। नवरात्र, रमजान के त्योहारों में फल की मांग भी बढ़ी है और कोविड-19 संक्रमण बढ़ने से माल की आवक भी घटी है। जिसके चलते फलों के दाम पिछले एक महीने में लगभग दोगुने तक पहुंच गए हैं।
महंगाई से हर वर्ग परेशान
इस बदलाव से गृहणियां ही नहीं दुकानदार भी परेशान हैं। कोविड-19 दौर में महंगे फलों को हाथ लगाने से तमाम लोग गुरेज कर रहे हैं। 40 रुपये किलो मिलने वाला हरा अंगूर इस समय बाजार में 60 से 80 रुपये किलो तक बिक रहा है। विटामिन सी से युक्त मौसमी, जिसके सेवन से कोरोना काल में इम्युनिटी पावर में बढ़ोतरी की आस रहती है, वो भी महंगी हो गई है। 50 रुपये प्रति किलो बिकने वाली मौसमी अब बाजारों में 80 से 85 रूपये किलो तक बिक रही है।
महंगाई ने बढ़ाई दिक्कत
रेलवे रोड के फल विक्रेता मोहम्मद शारिक ने बताया कि कोरोना काल के चलते फलों के रेट बढ़े हैं। महंगाई के चलते ग्राहक भी कम आ रहे हैं। त्योहारों पर मांग बढ़ने से भी कुछ फल महंगे हुए हैं। दुकानदारी पर काफी विपरीत प्रभाव पड़ा है।
गृहणियों के बोल
नवरात्र पर फल महंगे हो जाते हैं, लेकिन इस बार कोरोना काल के चलते भी रेट बढ़ाए गए हैं। फलों की महंगाई ने बजट भी बिगाड़ा है। प्रशासन को मनमानी बढ़ोतरी पर अंकुश लगाना चाहिए।
रेखा सिंह, प्रतिभा कालोनी
नवरात्र, रमजान व कोविड-19 दौर तीनों के फेर में फल काफी महंगे मिल रहे हैं। कहीं जायज कारणों ने तो कहीं मनमानी ने रेट बढ़ाए हैं। व्यवस्था बने कि लोग कालाबाजारी न करें।
विमलेश सिंह, अमीर निशा
फलों व सब्जी के रेट आसमान छू रहे हैं। नवरात्र व रमजान पर्वों पर फलों के रेट काफी ज्यादा हो गए हैं। इससे बजट भी बिगड़ा है। फलों के रेट को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाना चाहिए।
कमलेश सिंह, श्रीरामपुरम कालोनी
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पिछले एक महीने में फल के रेट में फर्क
फल, इस महीने, पिछले महीने
अंगूर, 60, 40
माल्टा, 165, 120
मौसमी, 85, 55
केला, 40 रुपये दर्जन, 60 रुपये दर्जन
सेब (बाहरी), 200, 240
सेब देशी, 220, 180