Free Ration Scheme : कार, बहुमंजिला भवन व सरकारी नौकरी वाले भी पा रहे मुफ्त राशन, जानिए विस्तार से Aligarh News
Free Ration Scheme हकीकत हैरान करने वाली है। कार बहुमंजिला भवन व सरकारी नौकरी वाले भी जिले में मुफ्त राशन पा रहे हैं। पूर्ति विभाग के सर्वे में चौंकाने वाला पर्दाफाश हुआ है। पिछले छह महीने में जिले में करीब 15 हजार राशन कार्ड धारक ऐसे मिले हैं।
अलीगढ़, सुरजीत पुंढीर। हकीकत हैरान करने वाली है। कार, बहुमंजिला भवन व सरकारी नौकरी वाले भी जिले में मुफ्त राशन पा रहे हैं। पूर्ति विभाग के सर्वे में चौंकाने वाला पर्दाफाश हुआ है। पिछले छह महीने में जिले में करीब 15 हजार राशन कार्ड धारक ऐसे मिले हैं, जाे अपात्र हैं या फिर महीनों पहले इनकी मौत हो चुकी है, लेकिन इसके बाद भी यह हर महीने राशन पा रहे हैं। अब पूर्ति विभाग की तरफ से इन फर्जी राशन कार्ड को निरस्त कर दिया गया है।
यह है मामला
जिले में कुल 1350 सरकारी राशन की दुकान हैं। हर महीने से इनसे करीब साढ़े छह लाख कार्ड धारक राशन लेते हैं। कोरोना काल में सरकार अब तक हर महीने मुफ्त में दो बार राशन दे रही थीं। हालांकि, सितंबर से अब एक बार मुफ्त तो दूसरी बार सस्ते दामों में राशन दिया जा रहा है। सस्ते राशन की कीमत दो रुपये प्रति किलो गेहूं व तीन रुपये प्रति किलो चावल है। पात्र गृहस्थी कार्ड धारक को प्रति यूनिट पांच किलो राशन (तीन किलो गेहूं व दो किलो चावल) मिलता है। इसी तरह अंत्योदय कार्ड धारक को एक मुश्त 35 किलो ( 20 किलो गेहूं व 15 किलो चावल ) मिलते हैं।
जांच में पर्दाफाश
अब पिछले दिनों शासन स्तर से राशन कार्ड के जांच के आदेश हुए थे। इस पर जिला पूर्ति अधिकारी राजेश कुमार सोनी ने जिले की सभी तहसीलों में टीमें लगाकर जांच कराई गई। अब यह सर्वे पूरा हो गया है। इसमें करीब 15 हजार से अधिक कार्ड धारक अपात्र मिले हैं। प्रशासन की तरफ से इन कार्ड को निरस्त करने के आदेश हो गए हैं।
चौकानें वाले तथ्य
प्रशासन की जांच में काफी चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। जिले में दर्जनों लोग ऐसे मिले हैं, जिनकी कई महीने पहले मौत हो चुकी हैं, लेकिन इसके बाद राशन जारी हो रहा था। इसके साथ ही तमाम ऐसे हैं, जो पात्रता के मानकों से बाहर हैं, लेकिन फिर भी राशन ले रहे हैं। कुछ ऐसे भी हैं, जो महीने राशन लेने नहीं आए।
यह हैं पात्रता के मानक
-कुष्ठ रोग से प्रभावित व कैंसर से पीड़ित परिवार को प्राथमिकता
-अनाथ, कचरा ढोने वाले व भिक्षावृत्ति वाले लोग
-घरेलू कामकाज करने वाली गरीब महिलाएं
-गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार
-परिवार के मुखिया का निराश्रित महिला, दिव्यांग या मानसिक रूप से विक्षप्ति
-आवास हीन परिवार या 30 वर्ग मीटर क्षेत्रफल तक कच्चे आवास के स्वामी
-दैनिक वेतन भोगी मजदूर, कुली, पल्लेदार, फेरी वाले, रिक्शा चालक आदि
यह हैं अपात्रता के मानक
-परिवार में चार पहिया वाहन, टैक्ट्रर, एसी या पांच केवीए से अधिक क्षमता का जनरेटर
-परिवार के पाच पांच एकड़ से अधिक जमीन का स्वामित्त होना
-ग्रामीण क्षेत्र में परिवार की सालना आय दो लाख रुपये से अधिक होना
-शहरी क्षेत्र में ऐसे परिवार जिनके पास सौ वर्ग मीटर से अधिक बड़ा मकान या प्लाट
-एक शस्त्र लाइसेंस से अधिक या आयकर दाता की श्रेणी में शामिल
छह महीने में जिले भर में अपात्र व मृतकों के 15 हजार कार्ड निरस्त हुए हैं। वहीं, साढ़े नौ हजार कार्ड बनाए गए हैं। सरकारी की मंशा पात्र गरीबों को प्राथमिकता से योजना का लाभ देने की है।
राजेश कुमार सोनी, जिला पूर्ति अधिकारी