अलीगढ़ जेल में शुरू होंगी बंदियों की मुफ्त कोचिंग क्लासेज
जरायम का काला अध्याय पढ़कर जेल पहुंचे बंदियों को शिक्षा की संजीवनीÓ देकर जेल प्रशासन साक्षर बनाने की कोशिश में लगा है।
लोकेश शर्मा, अलीगढ़। जरायम का काला अध्याय पढ़कर जेल पहुंचे बंदियों को शिक्षा की 'संजीवनीÓ देकर जेल प्रशासन साक्षर बनाने की कोशिश में लगा है। 15 हजार से अधिक पुस्तकों के संग्रह वाली प्रदेश की अनूठी लाइब्रेरी देकर जेल अधिकारी पहले ही अपने इरादे साफ कर चुके थे, अब साक्षरता मिशन के तहत बंदियों के लिए कोचिंग क्लासेज शुरू करने की पहल की है। इसके लिए योग्य शिक्षक तलाशे जा रहे हैं, जो बंदियों को मुफ्त कोचिंग दे सकें। डिग्री कोर्स कर रहे बंदियों को इसका काफी लाभ मिलेगा। निरक्षर बंदियों को साक्षर बनाने में भी इनका योगदान रहेगा।
पढ़े-लिखे बंदी बने शिक्षामित्र
डिप्टी जेलर संजय कुमार शाही ने बताया कि नए बंदियों की तालीम की जानकारी लेकर योग्यतानुसार उन्हें शिक्षित करने पर ध्यान दिया जाता है, जबकि शिक्षित बंदियों को 'शिक्षामित्रÓ का काम सौंपा जाता है। ये बंदी बैरक में क्लास लेते हैं। प्रत्येक बैरक में ऐसे दो शिक्षक हैं। लाइब्रेरी में ही इनकी क्लास चलती है। जो बंदी बीएससी, एमएससी किए हैैं, वे साइंस विषय के बंदियों को पढ़ाते हैैं। ऐसे ही अंग्रेजी, गणित में योग्यता हासिल किए बंदी अन्य बंदियों को शिक्षा देते हैं। इसका परिणाम यह रहा कि जो बंदी अनपढ़ थे, वे यहां साक्षर हो गए।
2016-17 में 1100 साक्षर
जेल प्रशासन के मुताबिक सत्र 2016-17 में 1100 बंदियों को साक्षर किया गया। इनमें 33 महिला बंदियों ने भी कलम-किताब में दिलचस्पी दिखाई। इससे पहले 2015-16 के सत्र में 1468 साक्षर हुए। इनमें से 36 ने हाईस्कूल व 48 ने इंटर की परीक्षाएं दीं। इग्नू सेंटर की दूरस्थ शिक्षा से 455 बंदियों ने बीपीपी (बेचलर इन प्रिपरेटरी प्रोग्राम)का कोर्स किया।
समृद्ध पुस्तकालय
जेल में समृद्ध पुस्तकालय है, जहां ङ्क्षहदी, अंग्रेजी भाषाओं की 15,000 से अधिक पुस्तकों का संग्रह है। अफसरों का दावा है कि ऐसा पुस्तकालय प्रदेश की किसी भी जेल में नहीं है। यहां बंदियों की रुचि व पाठ्यक्रम के अनुसार धार्मिक, राजनीतिक, इतिहास, उपन्यास आदि का संग्रह है।
प्राइमरी में पंजीकरण
कक्षा पंजीकरण
पांच 40
छह 25
सात 23
आठ 22
उच्च शिक्षा में पंजीकरण
बीपीपी 541
बीए 16
एमकॉम एक
डिप्लोमा कोर्स 10
सर्टिफिकेट कोर्स 22
एनजीओ की लेंगे मदद
वरिष्ठ जेल अधीक्षक आलोक सिंह ने बताया कि साक्षरता मिशन के तहत बंदियों को साक्षर बनाने के लिए प्रयास चल रहे हैं। बंदियों को विभिन्न कोर्सों की पढ़ाई के लिए प्रेरित किया जाता है। कोचिंग के लिए एनजीओ, समाजसेवियों से मदद ली जाएगी।