चार साल पहले हुई हत्या के मामले में तीन लोगों को आजीवन कारावास, चौथे को पांच साल की सजा

एडीजे प्रथम शाहिद रजा की अदालत ने गंगीरी थाना क्षेत्र के चार साल पुराने ममेरे भाई की हत्या में भाई समेत तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं चौथे युवक को पड्यंत्र में शामिल होने का दोषी मानते हुए पांच साल की सजा सुनाई है।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 05:34 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 05:34 PM (IST)
चार साल पहले हुई हत्या के मामले में तीन लोगों को आजीवन कारावास, चौथे को पांच साल की सजा
कोर्ट ने चार साल पुराने ममेरे भाई की हत्या में भाई समेत तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता।  एडीजे प्रथम शाहिद रजा की अदालत ने गंगीरी थाना क्षेत्र के चार साल पुराने ममेरे भाई की हत्या में भाई समेत तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं चौथे युवक को पड्यंत्र में शामिल होने का दोषी मानते हुए पांच साल की सजा सुनाई है। जबकि एक महिला को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया।

4 मार्च 2017 को बरामद हुआ था शव

एडीजीसी अमर सिंह तोमर ने बताया कि थाना गंगीरी क्षेत्र के बढ़ारी खुर्द निवासी शेरसिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें बताया था कि 27 फरवरी 2017 को उसके बेटे अनुज कुमार को बौनेर निवासी भांजा दीपक, उसके चाचा मुकेश व चाचा का बेटा संदीप बुलाकर ले गए थे। चार मार्च 2017 को अनुज का शव बरामद हुआ था। पुलिस ने संदीप, दीपक, मुकेश के अलावा गांव के ही पप्पू के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। चारों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। इसमें अदालत ने संदीप, दीपक व मुकेश को हत्या में आजीवन कारावास व 50-50 हजार का जुर्माना, जबकि पप्पू को पांच साल की सजा व 10 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है। \\Bदोषी को दो साल की सजा \\Bअलीगढ़ : एससी-एसटी की विशेष अदालत के एडीजे मनोज कुमार अग्रवाल ने झगड़े के मामले में एक व्यक्ति को दोषी मानते हुए दो साल की सजा सुनाई है। साथ ही तीन हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। संयुक्त निदेशक अभियोजन आरएस वर्मा ने बताया कि घटना 28 अक्टूबर 2000 की है। इनमें पालीमुकीमपुर थाना क्षेत्र के मईपुर निवासी जयपाल की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया था। कहा था कि जयपाल अपने परिवार के एक सदस्य के मकान में बैठा था। जहां रामवीर ने उस पर फायरिंग कर दी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके रामवीर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। इसमें अदालत ने मारपीट की धारा में रामवीर को दोषी मानते हुए सजा सुनाई है।

बच्चे के अपहरण में दो आरोपितों की जमानत अर्जी निरस्त

अलीगढ़ । छर्रा अड्डा पुल के नीचे से बच्चे का अपहरण करने के मामले में सत्र न्यायालय ने दो आरोपितों की जमानत अर्जी निरस्त कर दी है। डीजीसी धीरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि एक नवंबर को छर्रा अड्डा पुल के नीचे से बिहार के जिला भागलपुर के गांव तमौनी बिसनपुर निवासी बबलू के चार साल के बेटे भोला का अपहरण हो गया था। बबलू झुग्गियों में रहते हैं। दो बाइक सवार भोला को कन्या-लांगुरा पूजन में खाना खिलाने की बात कहकर ले गए थे। पुलिस ने कुछ घंटों में ही गंभीरपुरा निवासी सनी व प्रिंस को गिरफ्तार कर लिया था। सनी व प्रिंस ने जमानत के लिए याचिका दायर की थी, जो खारिज की गई है। इसी तरह मडराक क्षेत्र में महिला से दहेज के लिए मारपीट के मामले में आरोपित पप्पू सिंह, जयकिशन व दयावती के अलावा बन्नादेवी थाना क्षेत्र में शैली गर्ग को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले उसके पति गौरव गुप्ता की जमानत अर्जी निरस्त की गई हैं।

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