पूर्व सांसद चंद्रपाल सैलानी का निधन, शासकीय सम्मान के साथ दी अंतिम विदाई

पूर्व सांसद चंद्रपाल सैलानी का मंगलवार को निधन हो गया। कई दिन से बीमार चल रहे 81 वर्षीय पूर्व सांसद ने दिल्ली के एक अस्पताल में सुबह करीब 10 बजे अंतिम सांस ली। उनका पार्थिक शरीर शाम को सिकंदराराऊ स्थित आवास पर लाया गया।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 08:04 PM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 08:05 PM (IST)
पूर्व सांसद चंद्रपाल सैलानी का निधन, शासकीय सम्मान के साथ दी अंतिम विदाई
नगर में पूर्व सांसद चंद्रपाल सैलानी की शव यात्रा के बाद शासकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

हाथरस, जागरण संवाददाता। पूर्व सांसद चंद्रपाल सैलानी का मंगलवार को निधन हो गया। कई दिन से बीमार चल रहे 81 वर्षीय पूर्व सांसद ने दिल्ली के एक अस्पताल में सुबह करीब 10 बजे अंतिम सांस ली। उनका पार्थिव शरीर शाम को सिकंदराराऊ स्थित आवास पर लाया गया। यहां से नगर में शव यात्रा के बाद उनका शासकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। जिलेभर के नेताओं और गणमान्य लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।

हाथरस सुरक्षित सीट से दो बार सांसद रहे

सिकंदराराऊ के मोहल्ला नौरंगावाद पूर्वी निवासी सैलानी हाथरस सुरक्षित लोकसभा सीट दो बार सांसद रहे थे। सबसे पहले वह वर्ष 1971 में इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी से चुनाव जीत कर लोकसभा गए थे। वह तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के करीबी माने जाते थे। इसके बाद वह वर्ष 1980 में वह जनता पार्टी सेक्यूलर से सांसद का चुनाव जीते। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई आंदोलन भी किए। कई बार जेल भी गए। वह कई दिनों से बीमार चल रहे थे। दिल्ली के अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था।

निधन से नगर में शोक की लहर

मंगलवार की सुबह उनके निधन का समाचार मिलते ही नगर में शोक की लहर दौड़ गई। कई नेताओं और गणमान्य लोगों ने घर जाकर उनके स्वजन को ढांढस बंधाया। दोपहर बाद उनका पार्थिव शरीर आवास पर लाया गया। इसके बाद नगर में उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई। एसडीएम वेद सिंह चौहान, कोतवाल एके सिंह, समेत पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में शासकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके परिवार में पत्नी निर्मला सैलानी, बेटे प्रबुद्ध सैलानी, सिद्धार्थ सैलानी, अनंत सैलानी, पुत्री विशाखा हैं। पूर्व सांसद के निधन पर यशपाल सिंह चौहान, अमर सिंह यादव, चेयरमैन सरोज देवी, व्यापारी नेता विपिन वाष्र्णेय, महेंद्र सिंह सोलंकी, भाजपा जिला कोषाध्यक्ष पंकज गुप्ता, डंबर सिंह, ओमप्रकाश गौतम, बबलू सिसौदिया, मेहराज कुरैशी समेत कई नेताओं और गणमान्य लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।

समाज सेवा के साथ आंदोलनों में भी रहे शामिल

पूर्व सांसद चंद्रपाल सैलानी पढ़ाई के दौरान राजनीति में सक्रिय रहे। वर्ष 1971 में वह महज 31 वर्ष की उम्र में पहली बार सांसद बने थे। इससे पहले उन्होंने अंबेडकर शिक्षा संस्थान की स्थापना की। इसके साथ ही अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं के लिए सामाजिक, सांस्कृतिक और शिक्षण संस्था की स्थापना भी कराई। वह कई बार आंदोलनों में शामिल हुए। वर्ष 1990 में 10 साल की बच्ची की गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई थी। इस मामले में कार्रवाई न होने पर दलित संघर्ष समिति के बैनर तले पूर्व सांसद चंद्रपाल सैलानी के नेतृत्व में जुलूस निकाला गया था। सिकंदराराऊ कोतवाली के सामने लोग धरने पर बैठे थे। इसके बाद वहां बवाल हो गया था। कई बसों में तोड़फोड़ के बाद आग लगा दी गई थी। इस मामले में चंद्रपाल सैलानी सहित दर्जनों लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ था। वह जेल भी गए थे।

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