महीनों से हैं गांव के बाहर, फिर भी निकल रहा है राशन, विस्‍तार से जानिए मामला Aligarh News

जिले से करीब 1200 से अधिक राशन कार्ड को निरस्त कर दिया गया है। वहीं अभी पूरे जिले में सत्यापन जारी है। जल्द ही इनकी रिपोर्ट आ सकती है। जिले भर में करीब दस हजार से अधिक राशन कार्ड निरस्त होने की संभावना लगाई जा रही है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 04:51 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 04:51 PM (IST)
महीनों से हैं गांव के बाहर, फिर भी निकल रहा है राशन, विस्‍तार से जानिए मामला Aligarh News
जिले से करीब 1200 से अधिक राशन कार्ड को निरस्त कर दिया गया है।

अलीगढ़, जेएनएन। राशन वितरण में खूब गड़बड़ी हो रही है। गांव देहात के तमाम लोग महीनों से शहरी क्षेत्रों में रह रहे हैं, लेकिन फिर भी इनके नाम से राशन जारी हो रहा है। पिछले दिनों पूर्ति विभाग ने जिले में भर में सत्यापन अभियान चलाया तो इनकी पोल खुल गई है। जिले से करीब 1200 से अधिक राशन कार्ड को निरस्त कर दिया गया है। वहीं, अभी पूरे जिले में सत्यापन जारी है। जल्द ही इनकी रिपोर्ट आ सकती है। जिले भर में करीब दस हजार से अधिक राशन कार्ड निरस्त होने की संभावना लगाई जा रही है।

यह है मामला

जिले में राशन की 1350 दुकानें हैं। इनसे साढ़े छह लाख कार्डधारक जुड़े हैं। इनमें 24 हजार अंत्योदय कार्डधारक हैं। एक अंत्योदय कार्डधारक को हर माह 20 किलो गेहूं व 15 किलो चावल मिलता है। अन्य कार्डधारकों को प्रति यूनिट तीन किलो गेहूं व दो किलो चावल मिलते हैं। कोरोना काल में सरकार ने राशन को दोगुना कर दिया है। दोनों बार मुफ्त में राशन दिया जा रहा है। महीने की 15 तारीख तक प्रदेश व इसके बाद केंद्र सरकार की तरफ से राशन वितरण होता है। अब दूसरे चक्र में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत राशन वितरण हो रहा है। पिछले दिनों विभाग को शिकायत मिली थी कि कई दुकानों पर डीलर गलत तरीके से राशन निकाल रहे हैं। जो लो बाहर जा चुके हैं, उनके नाम से भी राशन निकाला जा रहा है। इस पर पूर्ति विभाग ने सत्यापन शुरू किया। अब तक जांच रिपोर्ट के आधार पर जिले में करीब 1200 से अधिक लोग चिन्हित हो चुके हैं। इन सभी के कार्ड निरस्त कर दिए हैं। हालांकि, अभी सत्यापन अभियान जारी है। संभावना लगाई जा रही है कि 10 हजार से अधिक राशन निरस्त हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि सरकार राशन वितरण को लेकर बेहद संवेदनशील है। इसी के चलते पारदर्शिता से वितरण किया जा रहा है।

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