अनुदान के सहारे आत्मनिर्भर बनेंगी खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां, जानिए योजना Aligarh news

आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत निजी इकाई एफपीओ सहकारी संस्थाओं की खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के कुल लागत का क्रेडिट लिंक्ड 35 फीसद या फिर अधिकतम 10 लाख रूपये अनुदान के रूप में सरकार दे रही है। जिला उद्याग विभाग ने इसके लिए आवेदन मांगे हैं।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 02:59 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 03:16 PM (IST)
अनुदान के सहारे आत्मनिर्भर बनेंगी खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां, जानिए योजना Aligarh news
असंगठित खाद्य प्रसंस्करण इकाइयाें को संगठित क्षेत्र में लाया जा रहा है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता।  प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत स्थापित सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की ब्रांडिंग और उन्हे प्रतिस्पर्धात्मक रूप से सुदृढ़ करने के प्रयास शुरू हो गए हैं। आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत निजी इकाई, एफपीओ, सहकारी संस्थाओं की खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के कुल लागत का क्रेडिट लिंक्ड 35 फीसद या फिर अधिकतम 10 लाख रूपये अनुदान के रूप में सरकार दे रही है। जिला उद्यान विभाग ने इसके लिए आवेदन मांगे हैं।

असंगठित खाद्य प्रसंस्‍करण इकाइयों को संगठित क्षेत्र में लाया जा रहा

जिला उद्यान निरीक्षक चेतन्य वाष्र्णेय ने बताया कि असंगठित खाद्य प्रसंस्करण इकाइयाें को संगठित क्षेत्र में लाया जा रहा है। अचार, मुरब्बा, जैम, जैली, पापड़, बिस्कुट, ब्रेकरी, आटा, खाद्य तेल व वन डिस्टिक-वन प्रोडक्ट के तहत नवीन इकाई की स्थापना पर 30 फीसद लक्ष्यों के सापेक्ष लाभांवित किए जाएगें। असंगठित क्षेत्र के इकाई को उन्नयन ब्राडिंग, पैकजिंग आदि में लाभ दिया जाएगा। बेरोजगार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए यह योजना उद्यान, खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा संयुक्त रूप से चलाया जाना प्रस्तावित है। इसमें अनुदान 60:40 के अनुपात में दिया जाएगा। इसमें खाद्य प्रसंस्करण उद्यमियों, बेरोजगार युवाओं और किसानों को भी लाभ मिलेगा।

इच्‍छक व्‍यक्‍ति जिला उद्यान अधिकारी के फोन पर भी बात कर सकते हैं

उन्होंने बताया कि योजना का लाभ लेने वाले इच्छुक लोग जिला उद्यान अधिकारी डा. धीरेंद्र सिंह से उनके मोबाइल नंबर (09453247944) पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) के तहत खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों का काम करने वाली इकाइयों की समस्याओं के निराकरण, इनके उच्चीकरण, संगठित क्षेत्र में लाने तथा वन डिस्टिक-वन प्रोडक्ट के तहत नई इकाइयों की स्थापना कराने में मदद करने के लिए रिसोर्स पर्सन नियुक्त किए जा रहे हैं। जिला उद्यान निरीक्षक ने बताया कि आवेदक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय से खाद्य प्रोद्योगिकी या खाद्य अभियंत्रण में डिग्री या डिप्लोमा किया होना चाहिए। या फिर कृषि से स्नातक हो। चयनित रिसोर्स पर्सन द्वारा उद्यमियों को डीपीआर तैयार करने, बैंक ऋण स्वीकृत कराने व खाद्य सुरक्षा मानक के तहत एफएसएसएआइ पंजीकरण, लाइसेंस, उद्योग आधार, जीएसटी पंजीयन और सरकार से अनुदान दिलाने में सहायता दी जाएगी। आवेदकों को एक सप्ताह के अंदर आवेदन जवाहर पार्क स्थित जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय में देना होगा।

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