पीएमएफएमइ से जुड़ रहीं फूड प्रोसेसिंग यूनिट, 25 किसानों ने किए आवेदन

बंद हो चुकीं फूड प्रोसेसिंग यूनिटें प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएमएफएमइ) से जुड़ रही हैं। जिला उद्यान विभाग इन्हें पुन स्थापित करने का प्रयास कर रहा है। सरकार द्वारा दी जा रहीं सुविधाओं से विभागीय अधिकारी किसानों को अवगत करा रहे हैं।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 04:22 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 04:28 PM (IST)
पीएमएफएमइ से जुड़ रहीं फूड प्रोसेसिंग यूनिट, 25 किसानों ने किए आवेदन
बंद हो चुकीं फूड प्रोसेसिंग यूनिटें प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएमएफएमइ) से जुड़ रही हैं।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता।  बंद हो चुकीं फूड प्रोसेसिंग यूनिटें प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएमएफएमइ) से जुड़ रही हैं। जिला उद्यान विभाग इन्हें पुन: स्थापित करने का प्रयास कर रहा है। सरकार द्वारा दी जा रहीं सुविधाओं से विभागीय अधिकारी किसानों को अवगत करा रहे हैं। वाट्सएप ग्रुप के जरिए किसानों को इस संबंध में सूचनाएं पोस्ट की जा रही हैं। अब तक छह गोष्ठियां हो चुकी हैं, जिनमें योजनाओं के बारे में जानकारी देकर आवेदन लिए जा रहे हैं। इस योजना के तहत अब तक 25 किसानों के आवेदन आ चुके हैं।

2020 में शुरु हुई थी योजना

केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2020 में इस योजना की शुरूआत की गई थी। योजना के तहत सरकार इन यूनिटों को 10 लाख रुपए तक का अनुदान दे रही है। वित्तीय वर्ष 2021- 22 के लिए अलीगढ़ को 30 यूनिटों का लक्ष्य मिला है। असंगठित क्षेत्र में फूड प्रोसेसिंग (खाद्य प्रसंस्करण) में कार्यरत सूक्ष्म उद्यम जैसे आम, लीची, आलू, टमाटर, साबूदाना, किन्नू भुजिया, पापड़, अचार, मोटे अनाज आधारित उत्पाद, मत्स्य, पाल्ट्री फार्म और पशुचारा के लिए भी लोग इस योजना में पात्र हैं। कोरोना काल में नौकरी छोड़कर बेरोजगार हुए कुछ युवको ने यूनिटें शुरू कर स्वरोजगार किया।

18 रिसोर्स पर्सन नियुक्‍त किए गए

योजना के तहत 18 रिसोर्स पर्सन भी नियुक्त किए गए हैं, जाे व्यक्तिगत इकाइयों और समूहों को सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की उन्नयन व स्थापना के लिए डीपीआर तैयार करा रहे हैं। यही नहीं, रिसोर्स पर्सन बैंक से ऋण दिलाने, खाद्य मानक व उद्योग की जानकारी भी देंगे। योजना के तहत मशरूम केयर यूनिट, शहद प्रोसेसिंग यूनिट, मधुमक्खी पालन में भी लाभ लिया जा सकता है। जो यूनिटें बंद हो गई हैं, या फिर बंदी के कगार पर हैं, उनका सर्वे कराकर यूनिटों को पुन: स्थापित कराने विभागीय टीमें सर्वे कर रही हैं। 15 यूनिटें चिह्नित कर किसानों को योजना का लाभ दिलाया जा रहा है।

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