पांच किलोमीटर के सफर में पांच सौ गड्ढे
सड़कों का डामरीकरण इसलिए होता है कि लोग सुरक्षित व आसानी से अपना सफर तय कर सकें लेकिन यहां आप यह भूल जाएंगे कि गड्ढे सड़क पर हैं या फिर गड्ढों में सड़क है। पांच किलोमीटर के सफर में पांच सौ गड्ढे मिलेंगे।
अलीगढ़ : सड़कों का डामरीकरण इसलिए होता है कि लोग सुरक्षित व आसानी से अपना सफर तय कर सकें, लेकिन यहां आप यह भूल जाएंगे कि गड्ढे सड़क पर हैं या फिर गड्ढों में सड़क है। पांच किलोमीटर के सफर में पांच सौ गड्ढे मिलेंगे। जी हां, यहां इगलास से गौंडा-खैर को जाने वाले मार्ग की बात हो रही है। इस रोड पर गड्ढों की शुरुआत कस्बे से ही हो जाती है। पथवारी मंदिर से सौ मीटर आगे बढ़ते ही पहला गड्ढा मिलेगा। इसके बाद वाहन की रफ्तार थम जाती है। मार्ग में कई गड्ढे तो चार से पांच फीट तक लंबे हैं। पांच किलोमीटर दूर गांव सलेमपुर पर पहुंचने पर तो हालत बहुत ज्यादा ही खराब है। इस सड़क पर निकलने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जुबान पर एक ही बात होती है कि यह सड़क कितनी खराब है।
ये है हाल
-इगलास से गौंडा की दूरी 16 किलोमीटर है
-इगलास से खैर की दूरी 30 किलोमीटर है
-जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को होता है निकलना -200 गांवों को तहसील मुख्यालय से जोड़ता है मार्ग
-गौंडा क्षेत्र से इगलास मंडी आने के लिए एकमात्र मार्ग है
-गड्ढों से वाहनों हो जाती है टूटफूट
-गड्ढों के कारण पांच दिन पहले पलट गया था ट्रक
-राहगीरों के फेंफड़ों में भर जाती है सड़क से उड़ती धूल
वर्जन
दुकान का सामान लेने के लिए इगलास आना-जाना पड़ता है। रोड खराब होने से बहुत परेशानी होती है। समय ज्यादा बर्बाद होता है और वाहन में भी टूट-फूट हो जाती है। महेश कुमार, दुकानदार गांव जाते समय दो बार गड्ढे में बाइक गिरने से चोटिल हो चुका हूं। रोड में गड्ढे होने से वाहन आए दिन खराब होते है, जिससे मेंटीनेंस का खर्चा बढ़ा है। कोई इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहा।
मोहन सिंह, बाइक मैकेनिक